मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना :
पारदर्शिता लाने के लिए लागू हुई नयी व्यवस्था
वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर
बीआरएबीयू के कॉलेजों से स्नातक उत्तीर्ण करने वाली छात्राओं को सीएम कन्या उत्थान योजना का लाभ लेने के लिए अनिवार्य रूप से आधार प्रमाणीकरण कराना होगा. इसको लेकर बिहार सरकार के उप सचिव अमित पुष्पक ने विवि को पत्र भेजकर निर्देश दिया है. कहा है कि इस योजना के तहत अविवाहित या विवाहित स्नातक उत्तीर्ण छात्राओं को 50,000 की वित्तीय सहायता दी जाती है. सही लाभुकों को योजना का लाभ मिले, इसके लिए आधार प्रमाणीकरण अनिवार्य किया गया है. वैसी अविवाहित या विवाहित छात्राएं जो मान्यता प्राप्त कॉलेजों में स्वीकृत सीटों पर दाखिला लेकर स्नातक उत्तीर्ण की हों, उन्हें योजना के लिए पात्र माना जायेगा. कहा गया है कि यदि किसी लाभार्थी के पास आधार नहीं है या उसने आधार कार्ड बनाने के लिए आवेदन नहीं किया है तो योजना से वंचित होना पड़ सकता है. वैसी छात्राओं को आधार कार्ड के लिए आवेदन करना होगा. उसकी पावती के साथ पहचान के प्रमाण के रूप में बैंक या डाकघर से जारी पासबुक फोटो के साथ, पैन कार्ड, पासपोर्ट, राशन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, मनरेगा कार्ड, किसान फोटो पासबुक, ड्राइविंग लाइसेंस, गजटेड अधिकारी या तहसीलदार से जारी पहचान पत्र में से कोई एक दस्तावेज देना होगा. साथ ही इसके बाद बायोमेट्रिक सत्यापन भी करवाना होगा. बायोमेट्रिक सत्यापन के लिए फिंगरप्रिंट या आईरिस स्कैन, चेहरे की पहचान, ओटीपी या आधार कार्ड पर मुद्रित क्यूआर कोड का उपयोग किया जायेगा.==============
वोकेशनल कोर्स की छात्राएं भी पात्र :
बीआरएबीयू के विभिन्न कॉलेजों में संचालित मान्यता प्राप्त वोकेशनल कोर्स में स्वीकृत सीटों पर दाखिला लेकर स्नातक उत्तीर्ण करने वाली छात्राओं को भी कन्या उत्थान योजना का लाभ दिया जायेगा. अबतक वोकेशनल कोर्स से उत्तीर्ण होने वाली छात्राओं को योजना का लाभ नहीं मिला है. विवि की ओर से कोर्स की मान्यता व सीटों की स्वीकृति से संबंधित कागजात उच्च शिक्षा विभाग को भेज दिया गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है