फोटो – दीपक – 36 उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर. इस्लामी कैलेंडर के अंतिम मास जिलहिज्जा की 18वीं तारीख पर रविवार को शिया समुदाय ने कमरा मुहल्ला में ईद-ए-गदीर मनाया. कमरा मोहल्ला के इमाम चौक पर शिया समुदाय के लोग जमा हुए और एक दूसरे को मुबारकबाद पेश की. फिर हाथों में लाल झंडा लहराते हुये इमामबाड़ा के मैदान में रौजा-ए-अमीरिल मोमिनीन तक कसीदा पढ़ते हुए जुलूस की शक्ल में पहुंचे. बड़ा इमामबाड़ा में भी जश्ने ईद-ए-ग़दीर का आयोजन किया गया, जिसमें शायर और उलेमा ने वाकया ग़दीर के हवाले से कलाम और तकरीर पेश किया. मौलाना असद यावर, मौलाना वकार अहमद रिज़वी, मौलाना इतरत नदीम, मौलाना तनवीर रजा, मौलाना मोहम्मद बकार,अली अब्बास, मिर्जा मेंहदी अब्बास, जुल्फीकार जैदी, सैयद कमर मिंटू मौजूद थे. मौलाना वकार अहमद रिजवी ने कहा कि ईद अल-ग़दीर, ग़दीर खुम में पैगंबर मुहम्मद के अंतिम उपदेश की स्मृति है, जो 18 जिल-हिज्जा, 10 हिजरी को हुआ था. शिया इस घटना को पैगंबर के उत्तराधिकारी के रूप में इमाम अली को स्वीकार करने के आधार के रूप में मनाते हैं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है