सर, अंकपत्र देने के लिए चार हजार रुपये मांग रहे हैं कर्मी
दीपक 15-16कॉलेज के कर्मी पर छात्रा ने लगाया रिश्वत मांगने का आरोप
पेंडिंग रिजल्ट की भी कई शिकायतें, कहा-अंकपत्र नहीं मिलाछात्रों ने साझा की परेशानी, काम नहीं होने की कही गयी बात
वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुरबीआरएबीयू के पुराने अतिथि गृह में आयोजित छात्र संवाद में छात्रा शिकायत लेकर पहुंची. अधिकारियों से कहा…सर, अंकपत्र देने के एवज में कर्मचारी चार हजार रुपये मांग रहे हैं. पैसा नहीं देने पर अंकपत्र देने के लिए तैयार नहीं है. एमएसकेबी काॅलेज से स्नातक सत्र 2017-20 की छात्रा ललिता 2021 में मनोविज्ञान से उत्तीर्ण हुई थी. कहा कि चार वर्षों से लगातार अंकपत्र के लिए चक्कर लगा रही हूं. छात्रा ने आरोपित कर्मी का मोबाइल नंबर व मैसेज भी अधिकारियों से साझा किया. छात्रा की शिकायत के बाद विवि के आइटी सेल ने तत्काल उसे अंकपत्र उपलब्ध कराया. इसके अतिरिक्त पेंडिंग सुधार, प्रोविजनल व प्रव्रजन प्रमाणपत्र और डिग्री के लिए भी कई छात्र-छात्राओं ने आवेदन दिया. संवाद में परीक्षा नियंत्रक डाॅ सुबालाल पासवान, डिप्टी कंट्रोलर डाॅ रेणु बाला, डिप्टी कंट्रोलर डाॅ आनंद प्रकाश दूबे समेत परीक्षा विभाग के अन्य कर्मचारी मौजूद थे.
मार्किंग पैटर्न पर उठ रहे सवाल
एमबीए द्वितीय सेमेस्टर के छात्र ने विवि के मार्किंग पैटर्न पर सवाल उठाया. छात्र ने आरटीआइ से निकाली कॉपी की प्रति लगाकर आवेदन दिया. अधिकारियों से कहा कि दीर्घ उत्तरीय प्रश्न में गलत का निशान लगाया गया है. पूरे पेज को काट दिया गया है. ऐसे में यदि वह उत्तर गलत है तो अंक नहीं दिया जाना चाहिये और सही है तो दो ही अंक क्यों दिये गये हैं? छात्र ने चौथे सेमेस्टर का परीक्षा फॉर्म भरने की अनुमति देने का अनुरोध किया. अधिकारियों ने कहा कि कॉपी की फिर से जांच नहीं की जा सकती.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है