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फरदो नहर की उड़ाही के बाद होगा पक्कीकरण, प्रदूषित होने से बचाने के लिए एसटीपी भी बनेगा

STP will also be constructed to prevent pollution

::: नदी संरक्षण, रोजगार सृजन और स्वच्छ पर्यावरण का बनेगा आधार, नगर निगम ने राज्य सरकार के माध्यम से प्रस्ताव भेज केंद्र से मांगा अनुमोदन

::: जल शक्ति मंत्रालय के माध्यम से उड़ाही व एसटीपी निर्माण के लिए मिलेगा पैसा, दिशा व निगम बोर्ड की मीटिंग से प्रस्ताव की मिल चुकी है मंजूरी

वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर

मुजफ्फरपुर शहर को अब प्रदूषण के दलदल से बाहर निकालने की दिशा में नगर निगम ने एक और कदम उठाया है. शहर की जीवनदायिनी नदियों और जलस्रोतों को साफ करने के लिए मुजफ्फरपुर नगर निगम ने फरदो नाले पर एक अत्याधुनिक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) परियोजना के निर्माण का प्रस्ताव जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार को भेजा है. इस महत्वाकांक्षी परियोजना से न केवल शहर का पर्यावरण स्वच्छ होगा, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के नये अवसर भी पैदा होंगे. नगर निगम से जो प्रस्ताव राज्य सरकार के माध्यम से भेजा गया है. इसमें कहा गया है कि वर्तमान में, फरदो नाला, जो शहर के अधिकांश अपशिष्ट जल का निकास मार्ग है, खुले में होने और गंदगी से भरा होने के कारण गंभीर प्रदूषण का स्रोत बन गया है. यह सीधे नदी में गिरकर जल प्रदूषण बढ़ा रहा है, जिससे बीमारियां फैल रही हैं और पर्यावरणीय संतुलन बिगड़ रहा है. नगर आयुक्त ने इस गंभीर समस्या के समाधान के लिए एक विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर सचिव, नगर विकास एवं आवास विभाग, बिहार को भेजा है, जिसमें एसटीपी परियोजना के व्यापक उद्देश्यों और प्रभावों को रेखांकित किया गया है. यह परियोजना जल जीवन मिशन और “निर्मल धारा अविरत धारा ” जैसे केंद्र सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों के अनुरूप है. 10 जनवरी 2025 को हुई जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति (दिशा) की बैठक में भी इस परियोजना की आवश्यकता पर बल दिया गया था. साथ ही, 29 मार्च 2025 को नगर निगम के वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में भी इसका प्रस्ताव शामिल किया गया है.

बॉक्स :: परियोजना के बहुआयामी लाभ

जल स्वच्छता और संरक्षण :

एसटीपी के माध्यम से अपशिष्ट जल का उपचार कर ही उसे नदी में छोड़ा जायेगा, जिससे फरदो नाले और कदाने नदी का जल स्वच्छ होगा. यह स्थानीय जलजीवों की सुरक्षा और जल निकासी प्रणाली की दक्षता में सुधार करेगा.

पर्यावरण संतुलन :

प्रदूषण मुक्त जल वातावरण से स्थानीय वनस्पति और जीव-जंतुओं की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, जिससे पारिस्थितिक तंत्र संतुलित रहेगा.

सामाजिक उत्थान और रोजगार :

परियोजना की सफलता के लिए जन जागरूकता और सामुदायिक भागीदारी आवश्यक है. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस परियोजना से रखरखाव और संबंधित सेवाओं में नये रोजगार के अवसर सृजित होंगे, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Devesh Kumar
Devesh Kumar
I am working as a senior reporter at Prabhat Khabar muzaffarpur. My writing focuses on nagar nigam political, social, and current topics.

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