मुंबई नहीं गई लीची, खुदरे में ही जा रही पांच टन
जंक्शन के सेंटर पर लीची के लिए बने हैं काउंटरवरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर
मुंबई के लोगों को इस बार शाही लीची का स्वाद चखने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. भीषण गर्मी व तेज धूप के कारण बागों से फल की आवक ठप है. इसका सीधा असर मुंबई जाने वाली पार्सल वैन पर पड़ा है. गुरुवार को मुंबई के लिए लीची पार्सल वैन जंक्शन से रवाना नहीं हो सकी. यह वैन पवन एक्सप्रेस में जोड़कर भेजी जाती है. एक लीची पार्सल वैन में करीब 24 टन माल भेजा जाता है. इससे मुंबई के बड़े बाजारों में लीची की भरपूर उपलब्धता बनी रहती है. लेकिन, फिलहाल बागों से लीची की तोड़ाई न होने और पैक हाउसों तक पर्याप्त मात्रा में लीची न पहुंच पाने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है. रेलवे के अधिकारियों के अनुसार अन्य ट्रेनों से खुदरा तौर पर रोजाना 4 से 5 टन लीची अलग-अलग शहरों में भेजी जा रही है. यह लीची मुख्य रूप से छोटे व्यापारियों व व्यक्तिगत तौर पर भेजी जा रही है. बता दें कि बीते दिनों बुधवार को वीपी में महज 4 टन लीची गयी थी. इससे रेलवे को नुकसान भी हो रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है