विश्वविद्यालय के एकेडमिक, फाइनेंसियल व डेवलपमेंट से जुड़े प्रस्ताव पर होगा निर्णय
वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में सिंडिकेट की पहली बैठक चार अप्रैल काे हाेगी. वहीं, सिंडिकेट की दूसरी बैठक के लिए 7 अप्रैल की तिथि निर्धारित की गयी है. बता दें कि सीनेट की बैठक से पहले सिंडिकेट की दाे बैठक करानी हाेती है. एक बैठक में विश्वविद्यालय के एकेडमिक, फाइनेंसियल व डेवलपमेंट से जुड़े प्रस्ताव स्वीकृत कराए जाते हैं, जाे संबंधित निकायाें से स्वीकृति के बाद रखे जाते हैं. वहीं, दूसरी बैठक में सीनेट की बैठक बुलाने का प्रस्ताव स्वीकृत कराया जाता है. सिंडिकेट से स्वीकृत कराकर ही एजेंडा सभी सदस्याें काे भेजा जाता है. हर बार विलंब से एजेंडा मिलने के कारण भी सीनेट की बैठक में सदस्याें के विराेध का सामना करना पड़ता है. एक सीनेट सदस्य ने बताया कि बैठक से 15 दिन पहले एजेंडा मिल जाना चाहिए. इसके लिए सीनेट से 21 दिन पहले सिंडिकेट की बैठक कराने का प्रावधान है. विश्वविद्यालय हर बार विलंब से तैयारी शुरू करता है, और यह कहकर एजेंडा पास करा लिया जाता है कि समय ही नहीं मिला. पहले से एजेंडा मिलेगा, ताे सदस्य उसे अच्छी तरह देखकर बैठक में आएंगे. ऐसे ताे अधिकतर सदस्याें काे पता ही नहीं रहता है कि क्या-क्या एजेंडा है.
इस तरह बढ़ती गयी बैठक की तिथि
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में सीनेट की बैठक के लिए 27 मार्च की तिथि तय की गयी थी. इसकाे लेकर विश्वविद्यालय की ओर से तैयारी शुरू कर दी गयी. इस बीच सदन की कार्रवाई काे लेकर राजभवन के निर्देश पर बैठक स्थगित कर दी गयी. इसके बाद विश्वविद्यालय ने 12 अप्रैल काे बैठक कराने का प्रस्ताव भेजा, जिस पर राजभवन की सहमति भी मिल गयी. लेकिन, विश्वविद्यालय के कामकाज की स्थिति ऐसी है कि 17 दिन अतिरिक्त मिलने के बाद भी तैयारियां पूरी नहीं हाे सकी है. यहां तक कि सीनेट से पहले हाेने वाली सिंडिकेट की बैठक काे लेकर भी अड़चन दूर नहीं हाे सकी है, जिसके कारण बैठक काे री-शेड्यूल करना पड़ा. पहले 2 अप्रैल काे सिंडिकेट की बैठक हाेनी थी. जिसके बाद फिर से तिथि बढ़ायी गयी.
संबंधन प्रस्ताव पर असमंजस की स्थिति
एकेडमिक काउंसिल की बैठक में कुलसचिव की ओर से प्रस्तावित काॅलेजाें की जांच रिपाेर्ट और मानक काे लेकर सवाल उठाए जाने के बाद सहमति नहीं बन सकी. विश्वविद्यालय से संबंधन के लिए न्यू टीचिंग एंड एफिलिएशन कमेटी ने 38 काॅलेजाें के प्रस्ताव काे मंजूरी दी है. ऐसे में प्रस्ताव काे अब तक एकेडमिक काउंसिल से स्वीकृति नहीं मिल सकी है. सदस्याें ने इसके लिए कुलपति काे अधिकृत कर दिया, जबकि कुलपति स्वास्थ्य कारणाें से मुख्यालय से बाहर है.
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