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सूबे में 74 मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल का लक्ष्य, खुले 34

The target is to have 74 motor driving

सूबे में 74 मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल का लक्ष्य, खुले 34

– मुजफ्फरपुर जिले में चार स्कूल स्वीकृत, अब तक दो ही हो सके चालू

– सड़क दुर्घटना को रोकने में मोटर ट्रेनिंग स्कूल का प्रशिक्षण बेहतर विकल्प

– भविष्य में निजी लाइसेंस में भी ट्रेनिंग स्कूल प्रशिक्षण होगा अनिवार्य

कुमार गौरव

, मुजफ्फरपुर

बढ़ रहे सड़क दुर्घटना को रोकने लेकर परिवहन विभाग नये कदम उठा रहा है. आने वाले समय में प्राइवेट ड्राइविंग लाइसेंस भी बनवाने के लिए लोगों को उन्हें पहले मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल में प्रशिक्षण लेना अनिवार्य होगा. अब तक यह केवल कॉमर्शियल व हेवी ड्राइविंग लाइसेंस में अनिवार्य था, लेकिन विभाग इसे प्राइवेट लाइसेंस लागू करने की तैयारी कर रही है. इसको लेकर सूबे के विभिन्न जिलों में 74 मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल खोलने का लक्ष्य निर्धारित है, जिसमें अब तक महज 34 स्कूल ही विभिन्न जिलों में खुले है. सूबे के 38 जिलों में सात जिले रोहतास, शिवहर, सुपौल, सहरसा, सारण, मधेपुरा, सिवान में एक भी स्कूल नहीं खुला है. इसके अलावा अन्य जिलों में एक से दो स्कूल खुल चुके हैं.

मुजफ्फरपुर जिले में चार ट्रेनिंग स्कूल खोलने का लक्ष्य था, जिसमें दो स्कूल खुले, एक कपलपुरा स्टेशन के पीछे सहवाजपुर में और दूसरा कांटी ब्लॉक में. इसके अलावा दो ट्रेनिंग स्कूल बनाने काम शुरू हुआ लेकिन वह बीच में रूक गया. इसके अलावा जिले में परिवहन अपना ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक पटना रोड तुर्की में खोलने की तैयारी में है, इसके लिए जमीन चिह्नित कर हो चुकी है, अब इसके स्वीकृति व निर्माण को लेकर कागजी कार्रवाई चल रही है. इधर मामले में डीटीओ कुमार सत्येंद्र यादव ने बताया कि दो ट्रेनिंग स्कूल चालू अन्य दो जो स्वीकृत है उस दिशा में आगे की कार्रवाई की जा रही है.

इस स्कूल के पीछे विभाग का उद्देश्य

सड़क दुर्घटना रोकने को लेकर चालकों को लाइसेंस देने से पूर्व उन्हें अच्छे से प्रशिक्षित करना है. जब निजी लाइसेंस में इस नियम को लागू किया जायेगा तो आवेदन इन स्कूलों में जाकर एक से दो सप्ताह का प्रशिक्षण प्राप्त कर प्रमाण पत्र लेंगे, जिसके आधार पर आगे लाइसेंस जारी करने को लेकर परिवहन विभाग के ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक पर गाड़ी चलाने की जांच होगी, जिसमें पास होने के बाद उनका ड्राइविंग लाइसेंस जारी होगा. इसके लिए परिवहन विभाग द्वारा नीति निर्धारण किया जा रहा है. इसके पीछे सरकार का उद्देश्य चालक को लाइसेंस देने से पूर्व उन्हें प्रशिक्षित करना है. इस नीति निर्धारण को लेकर पूर्व में राष्ट्रीय सेमिनार का भी आयोजन हो चुका है. स्कूलों की खासियत

इन स्कूलों में भौतिक रूप से गाड़ी चलाने के साथ मशीन पर भी उन्हें गाड़ी चलाने का प्रशिक्षण दिया जायेगा. ताकि वह मानसिक रूप से गाड़ी चलाने के प्रति उनका आत्मविश्वास और बढ़े. इसमें प्रशिक्षण के साथ ड्राइविंग लाइसेंस के टेस्टिंग की भी सुविधा होगी. जिसमें प्रशिक्षण के बाद ट्रैक पर लगे दर्जनों कैमरे की निगरानी में उनके गाड़ी चलाने की जांच होगी. कैमरे की नजर रास्ते, गाड़ी की स्पीड, टर्निंग, चालक के नजर की बारीकि से जांच करेगी. जिसमें पास होने के बाद उनकी जानकारी परिवहन विभाग को मिलेगी, जहां से उनका लाइसेंस जारी होगा और उनके पते पर चला जायेगा. दूसरे राज्यों के लाइसेंस धारक भी यहां टेस्ट देकर अपना ड्राइविंग लाइसेंस का रिनुवल करा सकेंगे, क्योंकि यह सेंटर विभाग के सेंट्रल सर्वर से जुड़ा होगा. जिला : लक्ष्य : खुले स्कूल

दरभंगा : 3 : 2

मुजफ्फरपुर : 4 : 2

गोपालगंज : 2 : 1

समस्तीपुर : 2 : 1

पटना : 4 : 1

वैशाली : 3 : 1

पूर्वी चंपारण : 3 : 1

पश्चिमी चंपारण : 2 : 1

शिवहर : 1 : 0

सीतामढ़ी : 1 : 1

मधुबनी : 3 : 1

सिवान : 2 : 0

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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