प्रतिनिधि, मीनापुर शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले मीनापुर प्रखंड के तीन शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षा सम्मान-2025 से नवाजा गया है. बिहार विधान परिषद उपभवन सभागार में आयोजित कार्यक्रम में प्रखंड के अब्दुल कलाम, विनय कुमार और अमर कुमार को सम्मानित किया गया़ अब्दुल कलाम टेंगरारी के रहने वाले है, जो कि मध्य विद्यालय तेतरिया, जिला पूर्वी चंपारण में कार्यरत हैं. विनय कुमार टेंगरारी के रहने वाले हैं और राजकीय मध्य विद्यालय जगन्नाथ पकड़ी, प्रखंड मीनापुर में कार्यरत हैं. अमर कुमार नवसृजित प्राथमिक विद्यालय छेनी छपरा जिला पूर्वी चंपारण में कार्यरत हैं, लेकिन वे सिवाईपट्टी के निवासी हैं. खास बात यह कि जमीन पर बैठ कर संस्कृत पढ़ाने वाले शिक्षक अब्दुल कलाम को बिहार विधान परिषद में शिक्षकों के बीच मंच संचालन का मौका भी दिया गया. टीचर्स फ्यूचर मेकर संस्था द्वारा बिहार विधान परिषद पटना के सभागार में कार्यक्रम आयोजन किया गया था. नवाचारी शिक्षा, प्रभावशाली व्यक्तित्व और शिक्षा के क्षेत्र में अच्छे कार्य के साथ ही शिक्षा में सकारात्मक बदलाव लाने के प्रयासों के लिए यह सम्मान दिया गया है. सम्मानित शिक्षकों ने बताया कि अगस्त क्रांति के इतिहास में मीनापुर की धरती केवल स्वतंत्रता संग्राम के रणबांकुरों बांगुर साहनी और जुब्बा साहनी के लिए ही नहीं जानी जाती, बल्कि आज यह शिक्षा के क्षेत्र में भी अपने नवाचार, सेवा और समर्पण के कारण पूरे राज्य में सम्मान पा रही है. इन शिक्षकों को डॉ के. सिंह (प्रख्यात गणितज्ञ), डॉ. गुरु रहमान (संस्थापक, गुरुकुल पटना), डॉ. गोपाल शर्मा (पूर्व संयुक्त निदेशक, भारत सरकार), पटना विधि महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. वाणी भूषण, एससीइआरटी की डॉ. आभा, मंत्री कृष्ण कुमार मंटू, मंत्री महेश्वरी हजारी, पूर्व मंत्री श्याम रजक की उपस्थिति में सम्मानित किया गया. खास बात यह है कि ये तीनों शिक्षक अपने वेतन का बड़ा हिस्सा गरीब, बुजुर्गों और जरूरतमंद बच्चों की सहायता में लगाते हैं. अपने-अपने विद्यालयों को सजाकर-संवारकर सजीव प्रेरणा केंद्र के रूप में प्रस्तुत करते हैं. ये पूर्व में भी कई पुरस्कारों से सम्मानित हो चुके हैं.
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