कोर्ट ::– सात वर्ष पूर्व तीनों महिलाओं को स्टेशन से जीआरपी ने किया गया था गिरफ्तार संवाददाता, मुजफ्फरपुर जंक्शन के प्लेटफार्म संख्या चार से सात साल पहले 61.700 किलोग्राम गांजा के साथ पकड़ी गयी तीन महिला तस्करों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया है. इसमें दरभंगा के विष्णुपुर थाना के गोरियारी निवासी वीणा देवी, सिंहवाड़ा के गोगौल की रेखा देवी और कोरा भकौल इलाके की रामसमिन्द्र देवी शामिल हैं. यह आदेश विशेष कोर्ट एनडीपीएस एक्ट संख्या- दो के न्यायाधीश नरेंद्र पाल सिंह ने सुनाया है. निर्णय की प्रति कोर्ट ने जिला दंडाधिकारी को भी भेजी है. जीआरपी की तत्कालीन जमादार सुनीता जायसवाल ने तीनों को गांजा की खेप के साथ पकड़ा था. इसमें उनके अलावा आठ गवाह बनाये गये थे. इसमें हवलदार सरवर अंसारी, सिपाही शैलेंद्र कुमार, गोरेलाल, महिला सिपाही रेखा कुमारी, पीटीसी विनोद राय और केस के जांच अधिकारी दारोगा कृष्णा प्रसाद सिंह शामिल थे. उक्त सभी पुलिसकर्मियों ने गवाही के लिए मिले तीन वर्ष के अवसर में गवाही को नहीं पहुंचे थे. 31 दिसंबर, 2018 को आइओ ने आरोपितों के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल की थी. छह मई 2022 को आरोपितों के विरुद्ध कोर्ट ने आरोप गठित किया था. मामले में अभियोजन पक्ष को कई बार गवाहों को बयान दर्ज कराने के लिए समन भेजा गया. एसपी को भी गवाहों को प्रस्तुत कराने का निर्देश दिया गया. बावजूद आठों पुलिसकर्मी कोर्ट के समक्ष उपस्थित होने में विफल रहे. कोर्ट ने इसी वर्ष 30 जून को अभियोजन पक्ष को साक्ष्य और गवाहों को पेश करने का अंतिम अवसर दिया था.इसमें भी अभियोजन पक्ष विफल हुए. बता दें कि अभियोजन पक्ष की ओर से दस्तावेज के रूम में विशेष कोर्ट में बस एफएसएल जांच रिपोर्ट ही जमा करायी थी. इससे विशेष कोर्ट में गवाहों का बयान और साक्ष्य की प्रस्तुति नहीं होने का लाभ आरोपितों को मिला और तीनों महिला तस्कर बरी हुई. एक दिसंबर 2018 को स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या चार के निकट से तीनों महिला तस्कर को जीआरपी ने उक्त गांजा की खेप के साथ पकड़ा था.
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