— ब्रह्मपुरा थाना के तत्कालीन थानाध्यक्ष अनिल कुमार गुप्ता ने चार वर्ष पूर्व चांदनी चौक ओवरब्रिज से दो तस्करों को एक किलो चरस और लूटे गए मोबाइल के साथ किया था गिरफ्तार संवाददाता, मुजफ्फरपुर ब्रह्मपुरा थाना के चांदनी चौक ओवरब्रिज से चार वर्ष पूर्व एक किलो चरस जब्ती मामले के दो दारोगा गवाही देने अदालत में नहीं आ रहे है. पूर्व में पटना हाइकोर्ट ने निचली अदालत को स्पीडी ट्रायल चलाकर इसका निष्पादन का आदेश दिया था. हाइकोर्ट के आदेश पर इसी माह के तीन जुलाई से विशेष कोर्ट एनडीपीएस एक्ट संख्या-दो में प्रतिदिन सत्र विचारण चल रहा है. गवाह देने वालों में तत्कालीन थानाध्यक्ष अनिल कुमार गुप्ता, स्वतंत्र गवाह अभिमन्यु कुमार सिंह, शाहिद प्रवेज, सिपाही नंदन कुमार, गृहरक्षक प्रमोद कुमार सिंह, आईओ ओमप्रकाश शामिल है. वहीं, जिन दो पुलिसकर्मी गवाहीं देने नहीं आ रहे है. इसमें दारोगा मनोज कुमार देव और सरोज कुमार शामिल है.जेल में बंद मोतीपुर के कल्याणपुर हरौना निवासी राजमंगल कुमार सहनी के वकील बेल के लिए हाइकोर्ट गया था. इसके बाद हाइकोर्ट ने इसी माह दो जुलाई को निचली अदालत को स्पीडी ट्रायल चलाकर मामले का निष्पादन करने का आदेश दिया.मामले में इसी वर्ष 18 जून को केस के आइओ ने अंतिम गवाही देने आये थे. इसके बाद बचे दो पुलिसकर्मी गवाही में नहीं आ रहे है. पुलिस ने 30 जून को अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी.बता दें कि ब्रह्मपुरा थाना के तत्कालीन थानाध्यक्ष ने चांदनी चौक पर वाहन जांच कर रहे थे. इस दौरान बैरिया की ओर से एक बाइक पर सवार तीन युवक आ रहे थे. पुलिस को देखकर बाइक घुमाकर भागने का प्रयास करने लगे. पुलिस ने उसका पीछा किया. बाइक घुमाने के क्रम में बाइक पर बैठे दो युवक गिर गये. वहीं बाइक सवार चालक भाग गया. पुलिस ने दोनों को पकड़ा.तलाशी में उसके पास से एक लूटी गयी मोबाइल और एक किलो चरस मिला. दोनों की पहचान मोतीपुर थाना के कल्याणपुर हरौना निवासी सुरेश कुमार गुप्ता और अहियापुर के कोल्हुआ पैगंबरपुर के दिनेश सहनी के रूप में हुई थी.
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