-नीलामवाद में दिख रही है आला अधिकारियों की सुस्ती
-जिले में 42 हजार से अधिक मामले, वर्षों से निपटाये नहीं-16 हजार से अधिक वादों को नये अफसरों को सौंपा था
Muzaffarpur News
मुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर
जिले में नीलामवाद के लंबित मामलों के निपटारे में गंभीरता नहीं दिखती. जिला प्रशासन से लेकर मुख्यालय तक के निगरानी व निर्देशों के बावजूद स्थिति जस की तस है. नीलामपत्र पदाधिकारियों की संख्या बढ़ाकर 90 किए जाने के बाद भी वसूली की गति बेहद धीमी है. आलम यह है कि 15 दिनों में एक रुपये की भी वसूली नहीं हुई है. इसपर जिला नीलामपत्र पदाधिकारी ने गहरी चिंता जतायी. उन्होंने सभी को पत्र जारी किया है. लंबित वादों के निपटारे को लेकर गंभीरता बरतने व सक्रिय रूप से काम करने का सख्त निर्देश दिया है.पता लगा रहे, किस स्तर पर है चूक
अब निगरानी में और सख्ती बरती जायेगी. सभी नीलामपत्र पदाधिकारियों को प्रतिदिन अपनी अपडेट रिपोर्ट देने को कहा गया है. इस रिपोर्ट में वसूली की वर्तमान स्थिति, नोटिस भेजने की प्रक्रिया और अन्य अहम बिंदुओं की जानकारी देनी होगी. इसका उद्देश्य यह पता लगाना है कि किस स्तर पर कार्रवाई में लापरवाही बरती जा रही है.अफसर भी बढ़ाये गये, पर नतीजा सिफर
जिले में नीलामवाद के 42 हजार से अधिक मामले वर्षों से लंबित हैं. हाल ही में 16 हजार से अधिक वादों को नये नीलामपत्र पदाधिकारियों को सौंपा था. उम्मीद थी कि इससे निष्पादन की गति तेज होगी, लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है. मुख्य सचिव ने भी इस मामले में संज्ञान लेते हुए सभी जिलों को प्राथमिकता के आधार पर निपटारे के आदेश दिये थे, लेकिन अपने जिला में इसका खास असर नहीं दिखता.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है