होली और रोजे का जुम्मा एक ही दिन है और इसे लेकर सियासत भी गरमायी हुई है. यूपी के बाद अब बिहार में भी यह मामला गरमा गया है. भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल के बयान से सियासी पारा चढ़ा है. बचौल ने यह भी सवाल खड़ा किया है कि मुसलमानों में रंग लगाना अगर गैरइस्लामिक है तो रंग बेचना गैरइस्लामिक क्यों नहीं हुआ? वहीं विधायक ने अपील की है कि अगर बाहर निकलने पर रंग लग जाए तो मुस्लिमों को बुरा नहीं मानना चाहिए.
विधायक हरिभूषण ठाकुर ने की अपील
बिहार विधानमंडल परिसर में भाजपा विधायक ने कहा- ”मैं अपील करता हूं कि साल में 52 जुमा आता है और इसबार होली जुमे के ही दिन है. मुस्लिम भाइयों से निवेदन है कि 51 जुम्मा वो करते ही हैं. हिंदुओं को वो भाइचारे के साथ होली मनाने दें. और अगर बड़ा दिल हो तो बाहर निकलें और रंग अगर लग जाए तो बुरा नहीं मानें. होली साल में एकबार आता है. रंग का ही त्योहार है. जब गंगा-जमुनी और भाइचारे की बात करते हैं तो एक जुमा हिंदुओं के लिए वो छोड़ दें. ”
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रंग और पिचकारी नहीं बेचने की दी सलाह
बचौल ने कहा- ‘रंग लगाने में इस्लाम प्रभावित हो जाता है लेकिन बेचने में इस्लाम प्रभावित नहीं होता है. ये उनकी दोहरी नीति को स्पष्ट करता है. अगर वो रंग नहीं लगाते हैं तो खुद ही उन्हें रंग और पिचकारी भी नहीं बेचना चाहिए’.
भाजपा विधायक ने बयान देने की वजह बतायी
भाजपा विधायक ने कहा कि ”अगर मुस्लिम बंधुओं को रंग लग जाता है तो वो बुरा मान जाते हैं. इसलिए मैंने कहा कि बड़ा कलेजा हो तो बाहर आएं या फिर नहीं ही निकलें वो घर में ही रहें. उन्होंने कहा कि मैंने ये इसलिए कहा ताकि वाद-विवाद बढ़े नहीं.”