भागलपुर के एक कारोबारी की पत्नी बिहार के डीजीपी तक को कानूनी नोटिस भेज दिया है. महिला ने भागलपुर पुलिस और ट्रैफिक पुलिस पर अमानवीय व्यवहार और अवैध तरीके से हिरासत में लेने का आरोप लगाया है. सीपीसी की धारा 80 के तहत महिला ने यह नोटिस पुलिस के अन्य कई सीनियर अफसरों को भी भेजा है. दो महीने में संतोषजनक उत्तर नहीं मिलने पर एक करोड़ रुपए की क्षतिपूर्ति की मांग के साथ ही सिविल मुकदमा दायर करने की भी चेतावनी महिला ने दी है.
पुलिस पर अमानवीय व्यवहार का आरोप
भागलपुर के कारोबारी प्रतीक झुनझुनवाला की पत्नी श्रेया कुमारी ने यह नोटिस भेजा है. उन्होंने आरोप लगाया है कि 21 मार्च 2025 को वह अपने पति के साथ दवा लेने के लिए तिलकामांझी गयी थी. उन्होंने अपना वाहन कुछ देर के लिए प्राइवेट अस्पताल फार्मेसी के सामने खड़ा किया था. उस जगह पर नो-पार्किंग का कोई बोर्ड नहीं था. लेकिन उसके बाद भी ट्रैफिक पुलिस और तिलकामांझी थाने की पुलिस ने उन्हें रोका और उनसे बदसलूकी की. उन्हे थाने ले जाने की धमकी दी गयी.
ALSO READ: बिहार के इस RJD विधायक के सीने में कई सालों से फंसी है गोली, जेल में बिगड़ी तबीयत तो खुला राज…
एसएसपी पर शिकायत की अनदेखी का आरोप
महिला ने कहा कि हाल में ही उनकी सर्जरी हुई है. मामले की शिकायत उन्होंने एसएसपी से भी की थी. लेकिन जब कार्रवाई नहीं हुई तो 30 जून को नोटिस भेजा. महिला ने बताया कि सर्जरी की मेडिकल रिपोर्ट, डिस्चार्ज सारांश व बिल वगैरह सबकुछ उन्होंने अपनी शिकायत में जोड़ दिया था. लेकिन उसके बाद भी अनदेखी की गयी और उन्हें अपमानित किया.
अगर नहीं हुई कार्रवाई तो…
महिला ने नोटिस में तत्काल तौर पर एक लाख रुपए की क्षतिपूर्ति और जिम्मेदार पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की है. साथ ही नागरिकों के साथ सम्मानजनक व्यवहार करने को लेकर दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की है. साथ ही यह भी कहा है कि अगर दो महीने में संतोषजनक उत्तर नहीं मिला तो वो वे एक करोड़ रुपए क्षतिपूर्ति की मांग के साथ सिविल मुकदमा भी करेंगी. उन्होंने मानसिक उत्पीड़न, अपमान और संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 के उल्लंघन का आरोप लगाया है. यह नोटिस उन्होंने आइजी, एसएसपी, एसपी और दोनों डीएसपी को भी भेजा है.