Bihar Rain Alert: बिहार में मानसून की दस्तक भले ही समय पर हुई हो, लेकिन इसके असर ने अभी तक उम्मीद के मुताबिक राहत नहीं दी है. मौसम विभाग ने बुधवार को राज्य के 26 जिलों में तेज हवा और गरज-चमक के साथ बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है. साथ ही आकाशीय बिजली गिरने की चेतावनी भी दी गई है. हालांकि जुलाई महीने के लिए जो पूर्वानुमान जारी हुआ है, वह राहत देने वाला नहीं, बल्कि चिंता बढ़ाने वाला है.

कम बारिश, ज्यादा उमस
मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक, जुलाई 2025 में बिहार के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है. आमतौर पर इस महीने राज्य में औसतन 340.5 मिमी वर्षा होती है, लेकिन इस बार मानसून की धीमी रफ्तार के कारण यह आंकड़ा कम रह सकता है.
इससे पहले जून महीने में भी 36% कम बारिश रिकॉर्ड की गई थी. सामान्यतः जून में 174.8 मिमी बारिश होती है, लेकिन इस साल केवल 113.6 मिमी वर्षा ही हुई. इसका सीधा असर खेतों की तैयारी और धान की बुवाई जैसे कृषि कार्यों पर पड़ा है.
तापमान में बढ़ोतरी से बढ़ेगी बेचैनी
जुलाई में जहां एक ओर बारिश की कमी रहेगी, वहीं दूसरी ओर अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहने का पूर्वानुमान है. इससे आम लोगों को उमस भरी गर्मी का सामना करना पड़ सकता है. बीते 24 घंटों में दरभंगा सबसे गर्म जिला रहा, जहां पारा 35.6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जबकि बांका में सबसे कम 32.2 डिग्री दर्ज किया गया.
मौसमी सिस्टम सक्रिय, फिर भी असर सीमित
फिलहाल मानसून की ट्रफ लाइन श्रीगंगानगर से होते हुए बंगाल की खाड़ी तक फैली है, जबकि पश्चिम बंगाल और उत्तरी ओडिशा के गंगा मैदानी इलाकों पर निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है. इससे जुड़ा चक्रवाती परिसंचरण झारखंड और आसपास के इलाकों में सक्रिय है, जो अगले 24 घंटे में बिहार के कुछ हिस्सों में बारिश ला सकता है.
किसानों को सावधानी बरतने की अपील
लेकिन इन सिस्टम्स के बावजूद भी राज्य में व्यापक और संतुलित वर्षा की संभावना कम है. आने वाले दिनों में किसानों को सावधानी बरतने और वैकल्पिक कृषि रणनीति अपनाने की सलाह दी जा रही है. बिहार में इस बार मानसून की चाल थोड़ी सुस्त जरूर है, लेकिन उसकी नजर अब भी आसमान पर टिकी है.
Also Read: बिहार के किसान उगा रहे थाइलैंड, केन्या और अमेरिका के महंगे आम, 2 हजार से लेकर लाखों रूपये तक है कीमत