Bihar News: बिहार के आंगनबाड़ी के एक करोड़ बच्चों के लिए वैशाली, मुजफ्फरपुर, भोजपुर, मुंगेर, खगड़िया और नवादा के सिलाई केंद्रों में जीविका दीदियां ड्रेस की सिलाई करेंगी. सरकार की ओर से इस पर अंतिम सहमति बन गयी है. अब कपड़े की खरीदारी के लिए टेंडर करने की तैयारी हो रही है. टेंडर के बाद खरीदारी कर कपड़ें जीविका दीदियों को दी जायेगी. राज्य में जीविका दीदियों की छह सिलाई यूनिटें हैं. इन सिलाई यूनिटों से पोषाकों की सिलाई होगी. इसके अलावा भी जीविका दीदियों से सिलाई का काम लिया जायेगा. जीविका की प्रशिक्षित 25 हजार जीविका दीदियों समेत अन्य को मिलाकर कुल 50 हजार को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा. जीविका की ओर से बताया गया कि टेंडर प्रक्रिया अंतिम चरण में है. इसकी व्यापक रूपरेखा तैयार की जा रही है.
स्टैंडर्ड साइज से तैयार होंगे ड्रेस
आंगनबाड़ी में पढ़ने वाले बच्चों की आयु वर्ग के हिसाब से ड्रेस की सिलाई होगी. आंगनबाड़ी आने वाले बच्चों की औसत हाइट, आकार प्रकार का समाज कल्याण विभाग के पास माप उपलब्ध रहता है. इन मापों का अध्ययन होगा. इस अध्ययन के बाद एक स्टैंडर्ड साइज चिह्नित कर ली जायेगी. इसके बाद दो या तीन साइजों में बच्चों के लिए ड्रेस तैयार किये जायेंगे.
25 हजार दीदियों को मिलेगा सिलाई का काम
जीविका की ओर से राज्यभर में छह सिलाई इकाइयां गठित हैं. वैशाली, मुजफ्फरपुर, भोजपुर, मुंगेर, खगडिया और नवादा जिले में जीविका की सिलाई इकाई हैं. इन केंद्रों को जीविका की ओर से 850 सिलाई मशीन दी गयी हैं. इन केंद्रों में दी गयी सिलाई मशीन से पोषाक सिलाई करायी जायेगी. इसका प्रशिक्षण भी जीविका दीदियों को दिया जायेगा.