राजदेव पांडेय/Bihar News: बिहार के सर्वाधिक प्रतिष्ठित रिसर्च संस्थान अनुग्रह नारायण सिन्हा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल स्टडीज में तीन नये रिसर्च सेंटर – सेंटर फॉर डिसएबिलिटी एंड री-हैबिलेटेशन स्टडीज, सेंटर फॉर डेमोक्रेटिक गर्वनेंस एंड प्लानिंग और सेंटर फॉर सोशल एक्सक्लूजन एंड इन्क्लूसिव पॉलिसी स्थापित किये जायेंगे. इनके लिए पद शिक्षकों के पद भी सृजन को भी संस्थान के बोर्ड ऑफ कंट्रोल की मीटिंग में हरी झंडी दे दी गयी है. बोर्ड ऑफ कंट्रोल की मीटिंग की अध्यक्षता शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने की. इस दौरान अपर मुख्य सचिव और संस्थान के निदेशक डॉ एस सिद्धार्थ और बोर्ड के अन्य सदस्य एवं प्रभारी मौजूद रहे.
46 नये पदों को मिली मंजूरी
पीएचडी की पढ़ाई कराने वाले इस रिसर्च संस्थान की हाल ही में हुई बोर्ड ऑफ कंट्रोल की बैठक में पुराने पदों को विलोपित करते हुए कुल 46 पदों नये सिरे से मंजूर किये गये. इसमें 20 नये पद सृजित किये गये हैं. 26 पद पहले के हैं. हालांकि इसमें से केवल नौ ही पद भरे हैं. फिलहाल शिक्षकों के रिक्त पदों को भी भरा जायेगा. विभिन्न विषयों में सृजित 20 पदों में पांच-पांच पद प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर के हैं. बाकी 10 पद असिस्टेंट प्रोफेसर के हैं. तीनों नये रिसर्च विंग में अध्यापकों के चार-चार (कुल 12) पद सृजित किये गये हैं. इनमें एक-एक पद प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर के और दो पद असिस्टेंट प्रोफेसर के होंगे.
गैर शैक्षणिक कार्यों के लिए 60 अन्य पदों पर नियुक्तियां की जायेंगी
विभाग में पहले से संचालित रिसर्च विंग मसलन सेंटर फॉर नन वायलेंस एंड पीस में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर के एक-एक पद को स्वीकृति दी गयी. इसी तरह के एक-एक पद सेंटर फॉर सोशल ज्योग्राफी में सृजित किये गये हैं. इसी तरह डिजीवन ऑफ सोशल सायकलॉजी और डिवीजन ऑफ सोशियोलॉजी एंड सोशल एंथ्रोपोलॉजी विषय के लिए एक-एक असिस्टेंट प्रोफेसर का पद दिया गया है. इसी तरह इस संस्थान के गैर शैक्षणिक कुल पंद्रह पद खाली हैं. इसमें 12 पुराने और दो पद नये क्रियेट किये हैं. गैर शैक्षणिक कार्यों के लिए 60 अन्य पदों पर नियुक्तियां की जायेंगी. यह पद कंपनी के जरिये आउट सोर्स के आधार पर भरे जायेंगे.
नाम मात्र के लिए फीस तय
ए एन सिन्हा संस्थान में पीएचडी की एप्लीकेशन फीस 500 रुपये तय की गयी है. आरक्षित श्रेणी और महिलाओं के लिए यह फीस केवल 250 रुपये होगी. इसी तरह पीएचडी कोर्स वर्क फीस बेहद कम 2000 रुपये तय की गयी है. यह फीस दूसरे रिसर्च संस्थानों की तुलना में नाम मात्र के लिए है. अभी तक फीस नहीं ली जाती थी.
बोर्ड ऑफ कंट्रोल ने यह भी बड़े निर्णय लिये
2010 से नियुक्त शिक्षकों के प्रमोशन किये जायेंगे. इसके लिए नियम को अप्रूव किया गया.
- एनपीएस / यूपीएस करने का निर्णय लिया गया.
- बोर्ड ऑफ कंट्रोल में प्रस्तावों पर सहमति मिलने के बाद इस विभाग औपचारिक मुहर लगायेगा. अंतिम रूप में कैबिनेट की मुहर लगेगी.
तीन नये रिसर्च सेंटर की उपयोगिता
- – दिव्यांग जनों की सामाजिक-आर्थिक कठिनाइयों के अध्ययन
- – समाज में हाशिये पर चल रहे वर्ग को मुख्यधारा में लाने
- – लोकतांत्रिक संस्थाओं की प्रभावशीलता बढ़ाने में मदद
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