मनोज कुमार/ Bihar Politics: केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी का लोजपा आर प्रमुख चिराग पासवान पर लगातार कटाक्ष इसी कड़ी का हिस्सा माना जा रहा है. हाल ही में जीतनराम मांझी ने लोजपा आर के अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान पर अपने ही काफिले में चल रहे लोगों से जगह-जगह नारे लगवाने का आरोप लगाया था. हालांकि हम पार्टी को दावे और सीटें मांगने का आधार एनडीए के समक्ष बताना होगा. फिलहाल 40 सीटों पर दावा अधिक सीटें पाने की दबाव की राजनीति के रूप में ही देखा जा रहा है.
मांझी उनकी समधन और दामाद लड़े थे चुनाव
विधानसभा चुनाव 2020 में हम पार्टी सात सीटों पर लड़ी थी. इस चुनाव में हम को चार सीटों पर जीत हासिल हुई थी. इमामगंज से खुद जीतनराम मांझी, बाराचट्टी से उनकी समधन ज्योति देवी और मखदुमपुर से उनके दामाद देवेंद्र कुमार चुनाव लड़े थे. मांझी के दामाद चुनाव हार गये थे. मांझी और उनकी समधन को जीत हासिल हुई थी. सात में तीन सीटों पर रिश्तेदार ही चुनाव लड़े थे.
पांच दलित, एक पिछड़ा व एक सवर्ण को मिला था टिकट
सात में पांच दलित, एक पिछड़ा व एक सवर्ण को हम ने चुनाव में उतारा था. इसमें तीन दलित और एक सवर्ण उम्मीदवार चुनाव जीतने में सफल रहे. अन्य दो दलित व एक पिछड़ा (यादव) को हार का सामना करना पड़ा था. आरक्षित औरंगाबाद की कुटुंबा और जहानाबाद की मखदुमपुर सीट से पार्टी हारी थी. पूर्णिया की कसबा सीट पर हार का सामना करना पड़ा था.
मांझी की छोड़ी सीट पर बहू दीपा मांझी बनीं विजेता
वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में इमामगंज सीट से जीतनराम मांझी की जीत हुई थी. 2024 में मांझी गया लोकसभा चुनाव से सांसद चुने गये. मांझी की छोड़ी सीट पर उनकी बहू और बिहार सरकार के मंत्री संतोष सुमन की पत्नी दीपा मांझी ने जीत हासिल की. दीपा मांझी की मां ज्योति देवी पहले से विधानसभा में है. संतोष सुमन विधान परिषद के सदस्य हैं. अब मांझी के परिवार से खुद मांझी लोकसभा, समधन व बहू विधानसभा तथा बेटे संतोष सुमन विधान परिषद के सदस्य हैं.