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Bihar Politics: बिना शोर मचाये सीट साझेदारी को लेकर फार्मूला तय करने में जुटा महागठबंधन, जानें सीट शेयरिंग की क्या होगी स्थिति

Bihar Politics: राजद और कांग्रेस दोनों वाम दलों के पक्ष में इस फार्मूले से बाहर जाकर उनकी प्रतिष्ठा के अनुरूप सीट देने की मन स्थिति बना चुके हैं. सीट साझेदारी का फार्मूला 2024 का लोकसभा सीटों के आधार पर तय हो सकता है.

राजदेव पांडेय/पटना. Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनावों के मद्देनजर महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर माथा पच्ची जोरों पर है. इसकी दिशा भी सकारात्मक दिख रही है. राजद ‘बड़े भाई’ की भूमिका में ड्राइविंग सीट पर ही रहेगा. सीट साझेदारी को लेकर महागठबंधन के नेताओं के बीच कई दौर की अनौपचारिक बैठकें हो चुकी हैं. महागठबंधन की राजनीति से करीब से जुड़े सियासी जानकारों का कहना है कि कुछ ही दिनों में सीट बंटवारे का फार्मूला सामने आ सकता है. इस पर सहमति अंतिम दौर में है. सीट साझेदारी का फार्मूला 2024 का लोकसभा सीटों के आधार पर तय हो सकता है.

सीट साझेदारी पर ये हो सकता है फार्मूला

महागठबंधन से जुड़े सियासी जानकारों का कहना है कि जिन लोकसभा सीटों पर जो दल लड़ा था, उसे उसी लोकसभा क्षेत्र के दायरे में आने वाली विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़या जा सकता है. महागठबंधन के बीच यह समझ प्राथमिक स्तर पर ही है. इस फार्मूले में जमीनी आधार पर विजेता प्रत्याशी का नाम सामने आने पर इसमें जरूरी बदलाव किये जा सकते हैं. यह बदलाव वाम दल के पक्ष में संभव हैं. इससे पहले पिछले विधानसभा चुनाव के फार्मूले पर विचार चल रहा था, लेकिन फिलहाल उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है.

वाम दलों को फार्मूला से आगे जाकर मिल सकती हैं सीटें

महागठबंधन के सियासी पंडितों का इस संदर्भ में कहना है कि लोकसभा सीटों के आधार पर तय किये जा रहे फार्मूले में वाम दलों को संतुष्ठ किया जाना बाकी है, क्योंकि पिछले विधानसभा चुनाव में जमीनी तौर पर उनकी ताकत कांग्रेस से भी अधिक थी. इसलिए उन्हें इस फार्मूले में नुकसान हो सकता है. लिहाजा राजद और कांग्रेस दोनों वाम दलों के पक्ष में इस फार्मूले से बाहर जा कर उनकी प्रतिष्ठा के अनुरूप सीट देने की मन स्थिति बना चुके हैं. वाम दलों के शीर्ष नेताओं पर इस पर काफी हद तक सहमति भी बन चुकी है.

महागठबंधन समन्वय समिति की बैठक पांच जुलाई के बाद कभी भी

दरअसल पुनरीक्षण के संदर्भ में शुक्रवार को महागठबंधन के सभी बड़े नेता मिले. सीट साझेदारी को लेकर बातचीत हुई है. हालांकि यह बैठक पूरी तरह अनौपचारिक रही है. सीट साझेदारी को लेकर अंतिम निर्णय महागठबंधन कॉर्डिनेशन कमेटी को लेना है. इसकी औपचारिक बैठक पांच जुलाई तक होनी है. सियासी जानकारों का कहना है कि पांच जुलाई के बाद कभी भी सीट साझेदारी की बात सामने आ सकती है. वर्तमान स्थिति यह है कि सभी दल बदलते फार्मूले के दौर में सीट तय करने में नये सिरे से लगे हैं. महागठबंधन कॉर्डिनेशन कमेटी पर अब उसी आधार पर विचार होने की संभावना है. पिछले लोकसभा चुनाव में राजद 26 , कांग्रेस नौ और वाम दल पांच सीटों पर चुनाव लड़े थे. बाद में वीआईपी को राजद के कोटे से तीन सीटें मिली थीं. सामान्य तौर प्रत्येक लोकसभा सीट के दायरे में छह विधानसभा सीटें आती हैं. लोकसभा के फामूर्ले से बाहर जाकर केवल वाम दल को अतिरिक्त सीटें दी जायेंगी.

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