राशिद आलम, नवगछिया: बिहार के खगड़िया-कटिहार रेलखंड पर है कटरिया रेलवे स्टेशन. जो भागलपुर जिले के नवगछिया अंतर्गत आता है. इस रेलवे स्टेशन पर दानापुर एक्सप्रेस के ठहराव को लेकर आंदोलन की चेतावनी यहां के ग्रामीण दे रहे हैं. कोरोनाकाल में इस ट्रेन का ठहराव यहां खत्म कर दिया गया. इस ट्रेन का ठहराव जब मिला था उसके पीछे की कहानी भी बेहद दर्द भरी है. दो सगे भाइयों का एनकाउंटर गलतफहमी में कर दिया गया था. जिसके बाद ग्रामीणों में बेहद आक्रोश था. ग्रामीणों की मांग पर तत्कालीन रेलमंत्री रामविलास पासवान ने 1996 में दानापुर एक्सप्रेस का ठहराव कटरिया में दिया था.
दो सगे भाइयों का हुआ था एनकाउंटर
30 साल पहले वर्ष 1995 में नवगछिया अंतर्गत रंगरा गांव के दो दहियार मो. ऐनुल और मो. सैलुन का एनकाउंटर कर दिया गया था. दोनों आपस में भाई थे. इस ट्रेन का तब स्टॉपेज कटरिया स्टेशन पर नहीं था. दोनों दूध बेचकर अपने घर वापस लौट रहे थे. कटरिया स्टेशन के पास दानापुर एक्सप्रेस से दोनों उस दिन रात करीब 9 बजे चेन पुलिंग करके उतर गए थे.
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गलतफहमी में दोनों की ले ली थी जान
जब रात के अंधेरे में ट्रेन की चेन खींची गयी और रोक दिया गया तो जीआरपी पुलिस की नजर इन दोनों युवकों पर पड़ी जो ट्रेन से उतरकर जा रहे थे. पुलिस ने दोनों दहियार को बदमाश समझ लिया और गोली चला दी थी. इस एनकाउंटर में दोनों दहियार की जान गोली लगने से चली गयी थी. दूध बेचकर लौट रहे इन सगे भाइयों को कटरिया स्टेशन पर उतरकर अपने गांव रंगरा जाना था.
तत्कालीन रेलमंत्री रामविलास पासवान ने ट्रेन का दिया था स्टॉपेज
गलतफहमी में जीआरपी की गोली से जब दोनों की जान गयी तो ग्रामीणों में इसे लेकर बेहद आक्रोश था. आक्रोशित ग्रामीणों ने तब कटरिया स्टेशन पर दानापुर एक्सप्रेस के ठहराव की भी मांग करने लगे. जिसके बाद उनकी मांग पर तत्कालीन रेलमंत्री रामविलास पासवान ने वर्ष 1996 में दानापुर एक्सप्रेस का ठहराव कटरिया स्टेशन पर दिया था.
ट्रेन का ठहराव कोरोनाकाल में खत्म किया
अब कोरोनाकाल में दानापुर एक्सप्रेस ट्रेन का स्टॉपेज हटा लिया गया जिसके बाद फिर से आंदोलन की तैयारी ग्रामीणों में शुरू हो गयी है.