बिहार के आरा रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 2 और 3 के बीच बने फुट ओवरब्रिज पर मंगलवार की देर शाम को एक सिरफिरे ने एक युवती और उसके पिता की हत्या गोली मारकर कर दी. डबल मर्डर करने के बाद हत्यारे ने खुद को भी गोली से उड़ा लिया. स्टेशन परिसर पर अफरातफरी मच गयी. घटना को प्रेम-प्रसंग से जोड़कर देखा जा रहा है. करीब सात साल पहले भी आरा स्टेशन परिसर में डबल मर्डर हुआ था. इस घटना ने 2018 की उस घटना की याद को ताजा कर दिया. वहीं रेलवे प्रशासन पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.
आरा स्टेशन पर दो हत्या के बाद हत्यारे ने भी की खुदकुशी
25 मार्च 2025, मंगलवार की शाम को स्टेशन पर आम दिनों की तरह ही यात्रियों की चहल-पहल थी. नवादा थाना क्षेत्र के 55 वर्षीय अनिल कुमार अपनी बेटी जिया उर्फ आयुषी (18 वर्ष) के साथ भी स्टेशन पहुंचे थे. जिया एमबीए की तैयारी करती थी जिसके लिए वो दिल्ली जा रही थी. पापा उसे ट्रेन में बैठाने जा रहे थे. अचानक एक सिरफिरा आता है और दोनों को गोली मारकर मौत के घाट उतार देता है. जिया और उसके पापा की जिंदगी वहीं खत्म हो जाती है. जबतक लोग कुछ समझ पाते उस हत्यारे उदवंतनगर थाना क्षेत्र के 29 वर्षीय अमन ने खुद को भी गोली मार ली.
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2018 में भी हुआ था डबल मर्डर
आरा स्टेशन परिसर में 4 मई 2018 को भी डबल मर्डर हुआ था. तब हथियारबंद अपराधियों ने जंक्शन परिसर में चाय पीने गए दो दोस्तों को गोलियों से भून दिया था. टाउन थाना क्षेत्र के हाकिम मियां और पंकज बिंद की हत्या हुई थी. इस हत्याकांड में एक हिस्ट्रीशीटर का नाम आया था. अब इस घटना के करीब सात साल के बाद फिर से आरा स्टेशन में डबल मर्डर से सनसनी फैली है.
सुरक्षा को लेकर उठ रहे सवाल
सवाल यह भी उठ रहे हैं कि आखिर स्टेशन के अंदर हथियार लेकर कोई कैसे प्रवेश कर गया. सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवालिया निशान खड़े हुए हैं. अगर स्टेशन में प्रवेश करने वालों की जांच सख्ती से हो रही होती तो लोड हथियार लेकर अंदर प्रवेश कर रहे हत्यारे को पकड़ा जा सकता था और यह अनहोनी टल सकती थी.