Mango In Bihar: बिहार के किसान अब सिर्फ देसी नहीं, बल्कि विदेशी नस्ल के आमों की खेती में भी कीर्तिमान रच रहे हैं. वैशाली, समस्तीपुर, भागलपुर, पटना और दरभंगा जैसे जिलों में ऐसे आम उगाए जा रहे हैं जो अब तक जापान, अमेरिका, थाईलैंड और केन्या जैसे देशों की पहचान माने जाते थे. इन आमों की बाजार में कीमत हजारों से लेकर लाखों रुपये तक है. किसानों के इस नवाचार से बिहार कृषि नवोत्थान की ओर बढ़ रहा है.
मियाजाकी: जापान से बिहार तक की यात्रा
सबसे पहले बात करते हैं जापान की प्रीमियम वैरायटी मियाजाकी मैंगो की, जिसे दुनिया का सबसे महंगा आम माना जाता है. बिहार के कुछ किसानों ने इसे सफलता से उगाया है. इसकी कीमत जापान में करीब तीन लाख रुपये प्रति जोड़ी तक लग चुकी है, जबकि भारत में इसकी बाजार दर 40,000 रुपये प्रति किलो तक है. ये आम न सिर्फ स्वाद में मीठा होता है, बल्कि इसमें एंटीऑक्सीडेंट, फोलिक एसिड और बीटा कैरोटीन जैसे औषधीय गुण भी पाए जाते हैं.
रेड-आइवोरी: थाईलैंड से आई लाल मिठास
रेड-आइवोरी आम, थाईलैंड की प्रीमियम हाइब्रिड वैरायटी है, जो अब बिहार में भी उगाई जा रही है. इसकी कीमत 2000 रुपये किलो से ऊपर है. इसका गूदा क्रीम रंग का, रेशा रहित और बेहद रसीला होता है. यह स्वाद और सुगंध के कारण विशेष लोकप्रिय हो रहा है.
बनाना और एप्पल मैंगो: रूप में धोखा, स्वाद में कमाल
बनाना मैंगो दिखने में केले की तरह और एप्पल मैंगो पूरी तरह से सेब जैसा लगता है. ये दोनों वैरायटी अब बिहार में भी किसानों के खेतों में लहलहा रही हैं. ये आम दिखने में विदेशी, स्वाद में देसी मिठास के साथ भरपूर पोषक तत्वों से युक्त हैं.
रेड पामर: अमेरिका की वैरायटी बिहार के बागों में
रेड पामर आम, जो अमेरिका और ब्राजील में उगाया जाता है, अब बिहार में भी उग रहा है. इसका वजन 500-600 ग्राम और कीमत करीब 5000 रुपये किलो तक होती है. विटामिन ए, सी और फाइबर से भरपूर यह आम स्वाद के साथ सेहत भी देता है.
किसानों की मेहनत से महकेगा वैश्विक बाजार
बिहार के किसान अपने नवाचार और तकनीकी समझ से अब अंतरराष्ट्रीय बाजारों की ओर कदम बढ़ा रहे हैं. विदेशी आमों की खेती से जहां आमदनी बढ़ेगी, वहीं बिहार का नाम वैश्विक फल बाजार में चमकेगा.