मुजफ्फरपुर शहर के उत्तरी, पूर्वी इलाके के लोगों के लिए लाइफ लाइन कहे जाने वाले बूढ़ी गंडक नदी के ऊपर बने अखाड़ाघाट पुल पर एक माह तक भारी वाहनों का परिचालन बंद रहेगा. दरअसल, अखाड़ाघाट पुल की स्थिति जर्जर होने के कारण यह फैसला लिया गया है.
पुल के ऊपर सड़क में कई जगहों पर गड्ढा बन गया है. वहीं, नीचे का हिस्सा भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है. इस कारण हमेशा घटना-दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. इसको देखते हुए प्रशासनिक स्तर पर अब इसकी मरम्मति का कार्य प्रारंभ हो गया है. आरसीडी वन को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गयी है. एसडीओ पूर्वी ने एक महीने तक इस पुल से कोई भी भारी व बड़े वाहनों के गुजरने पर रोक लगा दिया है.
इस बीच पुल का मरम्मत कार्य चलेगा. जब तक मरम्मत कार्य चलेगा, तब तक इस पुल से होकर गुजरने वाले भारी वाहनों को वैकल्पिक मार्ग से आने-जाने का रास्ता सुझाया गया है. जीरो माइल चौक से सरैयागंज टावर की तरफ आने वाली गाड़ियों को चांदनी चौक, भगवानपुर, गोबरसही एवं सरैयागंज टावर से जीरोमाइल तक जाने वाले वाहनों के लिए सिकंदरपुर चौक से लक्ष्मी चौक से बैरिया का रास्ता सुझाया गया है.
पुल से भारी वाहनों की इंट्री को 20 फरवरी से बंद किया जायेगा. प्रशासनिक स्तर पर आरसीडी वन को 19 मार्च तक कार्य पूरा करने को कहा गया है. मरम्मति पर 1.07 करोड़ की राशि व्यय होगी. बता दें कि अखाड़ा घाट के समानांतर चार लेन वाले पुल का निर्माण चल रहा है. इसकी जिम्मेदारी बिहार राज्य पुल निगम को दी गयी है.
बाइक व छोटी गाड़ियां धीमी गति से गुजरेगी
विभाग के अनुसार यह पुल 70 साल पुरानी है. आरसीडी के कार्यपालक अभियंता गणेश जी ने बताया कि दो पहिया एवं हल्के चार पहिया वाहन पंक्तिबद्ध होकर आ जा सकते हैं, जिसकी गति भी धीमी होगी. बताया कि पुल की मरम्मति का कार्य प्रगति में है. अभी पुल के सुपर स्ट्रक्चर के गार्डर के क्षतिग्रस्त भाग की मरम्मति एपोक्सि टेक्निक एवं रेडी मिक्स कंक्रीट से किया जा रहा है. पुल के एक्सपेंशन ज्वाइंट, क्रॉस बैरियर एवं राइडिंग सरफेस को पूरी तरह बदल दिया जाएगा. साथ ही बेयरिंग का निरीक्षण तथा आवश्यकतानुसार कार्बन फाइबर का भी प्रयोग किया जाएगा.
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