कैलाशपति मिश्र/Patna News: देश में जीएसटी लागू हुए लगभग 7.5 वर्षों से अधिक हो गया है,लेकिन अभी तक ट्रिब्यूनल का गठन नहीं हुआ है. जिस कारण से हजारों कारोबारियों और व्यापारियों को परेशानी हो रही है. उन्हें विवाद निबटारे के लिए हाइकोर्ट में जाना पड़ता है. कईं वर्षों तक फैसले नहीं होने से कारोबारियों की पूंजी फंसी रहती है.
ट्रिब्यूनल का गठन नहीं होने से हजारों राजस्व से संबंधित मामले अभी लंबित
अभी कारोबारियों और व्यापारियों को जीएसटी संबंधित विवाद के निबटारे के लिए हाइकोर्ट के शरण में जाना पड़ता है. लेकिन वहां भी केवल अंतरिम राहत दी जाती है और उन्हें जीएसटी ट्रिब्यूनल में जाने का आदेश दिया जाता है. ट्रिब्यूनल का गठन नहीं होने से हजारों राजस्व से संबंधित मामले अभी लंबित हैं. हालांकि ,केंद्रीय जीएसटी ट्रिब्यूनल गठित होने के बाद स्टेट जीएसटी ट्रिब्यूनल गठित होने की संभावना बढ़ गयी है. राज्य जीएसटी कार्यालय के सूत्रों का कहना है कि बिहार में जीएसटी ट्रिब्यूनल गठित करने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है.
जीएसटी के तहत कारोबारी पर टैक्स व जुर्माना लगाने पर उसे अपील करने का अधिकार
जीएसटी के तहत कारोबारी पर टैक्स व जुर्माना लगाने पर उसे अपील करने का अधिकार है.सर्कल के अधिकारियों के फैसले के विरुद्ध एडिशनल कमिश्नर और कमिश्नर के पास अपील की जाती है.यदि कारोबारी इन अधिकारियों के निर्णय से संतुष्ट नहीं हैं, तो वे ट्रिब्यूनल में अपील कर सकते हैं. राज्य जीएसटी ट्रिब्यूनल का गठन नहीं होने के कारण व्यापारियों को हाइकोर्ट में मामला में दर्ज करना पड़ता है. यह टाइम टेकिंग और खर्चीला प्रोसेस है.
Also Read: एसटीएफ को 24 घंटे में मिली तीन बड़ी सफलता, खगड़िया जिले में एक मिनी गन फैक्ट्री का पर्दाफाश