शुभम/ Patna News. न्यू पुलिस लाइन में चलाये गये अतिक्रमण अभियान में कई सिपाहियों की झोंपड़ियां उखड़ गयीं. काम से थके-हारे सिपाही जब आराम करने अपने-अपने झोंपड़ीनुमा बैरक के पास पहुंचे, तो वहां का नजारा देख सभी दंग रह गये. सामान के साथ पूरी झोंपड़ी उखड़ी हुई थी. आनन-फानन में सिपाहियों ने अपने सामान को बाहर निकाला और बारिश से बचा कर दूसरे के बैरक में रख दिया. शुक्रवार को प्रभात खबर संवाददाता न्यू पुलिस लाइन के सिपाहियों की समस्याओं का जायजा लेने पहुंचे. हालत यह है कि सिपाही थक-हारकर आते और निर्माणाधीन बिल्डिंग के फर्श पर इधर-उधर चादर बिछा कर आराम कर रहे हैं. नाम न छापने की शर्त पर सभी ने अपनी समस्याएं बतायीं. कहा-अब तक बैरक नहीं बना है. न्यू पुलिस लाइन में अतिक्रमण कहां से हो गया. सिपाहियों को रहने के लिए बैरक नहीं दिया गया है, तो 20 से 25 हजार रुपये लगा कर झोंपड़ी बना कर रह रहे हैं, तो इसमें गलत क्या है. इसे भी उखाड़ दिया गया.

शौचालय में खाना, पीना और सोना… तस्वीर लेने से कर दिया मना
दिनभर कड़ी धूप और बारिश में ड्यूटी के बाद पटना पुलिस के सिपाही शौचालय में सोने को मजबूर हैं. रहना, खाना, पीना और सोना वहीं कर रहे हैं. संवाददाता ने तस्वीर खींचने की बात कही, तो सिपाहियों ने यह कह कर मना कर दिया कि इस जगह को भी खाली करा दिया जायेगा. सिपाहियों ने कहा कि कहने को न्यू पुलिस लाइन है, लेकिन इसके अंदर पुलिसकर्मी कैसे रह रहे हैं. किन-किन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, इससे किसी को कोई मतलब नहीं. अधिकारियों के लिए तुरंत चैंबर, आवास आदि की सुविधाएं मिल जाती हैं. सिपाहियों को वर्षों से समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

आरोप: अधिकारी के अतिक्रमण पर नजर नहीं, सिपाहियों को किया टारगेट
न्यू पुलिस लाइन में मौजूद कई सिपाहियों ने बताया कि नगर निगम के अतिक्रमण अभियान में शामिल कर्मियों ने केवल सिपाहियों को टारगेट किया है. अधिकारियों के आवास व उनके कार्यालय के पास अतिक्रमण है. कैंपस के अंदर बनी हुई झोंपड़पट्टी को उखाड़ दिया गया. बाउंड्री को तोड़ दिया गया. ये कहां से अतिक्रमण था.

एसपी एडमिन की देखरेख में उखाड़ी गयीं झोंपड़ियां
बीते 29 और 30 अप्रैल को न्यू पुलिस लाइन में जिला प्रशासन के आदेश के बाद अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया है. टीम को लीड कर रहे नगर निगम की ओर से पंकज झा ने बताया कि एसपी एडमिन की देखरेख में अभियान चलाया गया है. उन्होंने एक अधिकारी को नियुक्त किया था. वह जहां-जहां कह रहे थे, उसे उखाड़ा जा रहा था. कोई भी झोंपड़ी अपने मन से नहीं हटायी गयी है.
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