कैलाशपति मिश्र/Patna News: आय से अधिक संपत्ति मामले में पटना के जेल बंद आईएएस अधिकारी संजीव हंस के साथ सूर्खियों में आए रिशुश्री की मुश्किलें दिन पर दिन बढ़ती जा रही है. रिशुश्री और उनके लिए काम करने वाले ट्रेवल एजेंटस पर पिछले दिनों प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छापेमारी की थी. ईडी के इस कार्रवाई में कई रिशुश्री और राज्य सरकार के कई आलाधिकारियों के मिलीभगत के अहम सबूत मिले. ईडी ने सबूत जुटाने के लिए बिहार समेत कई राज्यों के ट्रेवल एजेंट्स के ठिकानों पर भी छापेमारी की थी, जिसमें यह सबूत मिले हैं कि रिशुश्री के निर्देश पर ट्रेवल एजेंट्स ने बिहार सरकार के कई आला अधिकारी और उनके परिजनों को देश-विदेश की यात्राएं कराई हैं.
ट्रेवल एजेंट्स के ठिकानों से जब्त दस्तावेज
ईडी सूत्रों का कहना है कि एजेंसी अब उन सभी अधिकारियों की सूची तैयार कर रही है, जिनका नाम ट्रेवल एजेंट के यहां से मिले हैं. इसके साथ ही यात्राओं की समयावधि, खर्च और स्रोत का विश्लेषण भी किया जा रहा है. जांच सही पाये जाने पर इन अधिकारियों पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत आरोप तय किए जा सकते हैं. ईडी अधिकारियों को छापेमारी के दौरान इन ट्रेवल एजेंट्स के कार्यालयों और आवासीय परिसरों से भारी मात्रा में दस्तावेज, कम्प्यूटर डेटा, पासपोर्ट की फोटोकॉपी, टिकट बुकिंग की रसीदें और होटल रिजर्वेशन से जुड़ी जानकारी प्राप्त हुई है. इन सभी में दर्ज हैं उन अफसरों के नाम, जो विभिन्न पदों पर कार्यरत रहे हैं और जिनकी यात्राओं का पूरा खर्च इन एजेंट्स ने किया है.
विदेश यात्रा में वीआईपी ट्रीटमेंट
ईडी सूत्रों के अनुसार, यह यात्रा केवल पर्यटन तक सीमित नहीं थीं. विदेश में इन अधिकारियों और उनके परिजनों को लग्जरी होटल, विशेष गाइड, हाई-एंड ट्रांसपोर्टेशन और अन्य वीआईपी सुविधाएं दी जाती थीं. इन सबकी व्यवस्था विशेष रूप से रिशु श्री के माध्यम से की जाती थी, जो इन अधिकारियों के निकट संपर्क में थे. ईडी ने इन ट्रेवल एजेंट्स के वित्तीय लेन-देन की भी जांप पड़ताल शुरू कर दी है. इनके बैंक खातों, आय-व्यय, जीएसटी रिटर्न और विदेश से प्राप्त रकम की भी जांच की जा रही है.