Bihar Pink Bus: बिहार राज्य पथ परिवहन निगम (बीएसआरटीसी) ने वर्तमान में चल रही 20 सीएनजी पिंक बस की सफलता के बाद अन्य प्रमुख जिलों में भी इसका परिचालन शुरू करने का फैसला लिया है, इसके लिए पांच करोड़ रुपये की लागत से 80 पिंक बसों की खरीद की जा रही है. इन बसों के अगस्त महीने के अंत तक बिहार पहुंच जाने की संभावना है. इनमें 35 बसों का परिचालन राजधानी पटना में होगा, जबकि शेष बसें अन्य प्रमुख जिलों में चलाई जाएंगी.
अब बसों में होगी सेनेटरी पैड की सुविधा
महिलाओं की जरूरतों का ध्यान रखते हुए इन बसों में सेनेटरी पैड और मेडिकल किट की व्यवस्था रहेगी, इसके अलावा सुरक्षा के लिए जीपीएस ट्रैकर, पैनिक बटन, सीसीटीवी कैमरा और मोबाइल चार्जर की सुविधा भी इनमें मौजूद रहेगी. पिंक बस परियोजना को पूरी तरह महिलाओं के माध्यम से ही संचालित करने की योजना है, इसके लिए बीएसआरटीसी दो चरणों में महिला चालकों को प्रशिक्षित करेगा.
पहले चरण में 500 महिला चालकों को दिया जाएगा प्रशिक्षण
पहले चरण में 500 महिला चालकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसके लिए सभी तैयारी लगभग पूरी कर ली गई है. बस चालक, कंडक्टर और महिलाओं यात्रियों के साथ ही इसका संचालन करने वाली नोडल अधिकारी भी महिलाएं हैं. एक नोडल अधिकारी ममता कुमारी ऑफिस आने-जाने के लिए भी पिंक बस का ही इस्तेमाल करती हैं. वह कहती हैं कि राज्य सरकार ने यह बस महिलाओं को समर्पित की है, जो कामकाजी महिलाओं और छात्राओं को बड़ी राहत दे रही है. यह सेवा महिलाओं के लिए उपयोगी साबित हो रही है.
महिला यात्रियों को मिलेगी अच्छी सुविधाएं
सहायक नोडल अधिकारी कुमारी बीरबाला ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि एक महिला होने के नाते पिंक बस के लिए काम करना मेरे लिए गर्व की बात है. हमारी जिम्मेदारी है कि महिला यात्रियों को अच्छी सुविधाएं मिलें, जिसके लिए हम यात्रियों से मिलकर उनके सुझाव लेते हैं. महिलाओं की जरूरत के हिसाब से इन बसों को और बेहतर बनाने की दिशा में काम हो रहा है. इस वर्ष मई में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सीएनजी से चलने वाली 20 पिंक बस को हरी झंडी दिखाई थी.
पटना के सभी रूटों पर चलेगी बसें
आठ बसों का परिचालन राजधानी की सभी रूटों पर सुबह 7 बजे से रात 8 बजे तक किया जाता है, इसमें रोजाना 1500 से दो हजार महिलाएं और छात्राएं सफर कर रहीं हैं. इसके अलावा मुजफ्फरपुर जिले में चार, गया, पूर्णिया और दरभंगा जिले में दो-दो पिंक बस चल रही है. सभी बसों में दो-दो महिला कंडक्टरों को जिम्मेदारी दी गई है. बता दें कि बीएसआरटीसी राजधानी के सभी कॉलेजों में पिंक बस का पास बनाने के लिए विशेष कैंप आयोजित करेगा.