Bihar Teacher News: बिहार में सरकारी स्कूलों की हालत सुधारने की कोशिशें कागज़ों पर भले ही मजबूत दिख रही हों, लेकिन ज़मीनी सच्चाई कुछ और बयां कर रही है. राजधानी पटना के स्कूलों से लगातार ऐसी शिकायतें मिल रही हैं जिन्होंने शिक्षा विभाग को चिंता में डाल दिया है. विभाग के टोल फ्री नंबरों पर आ रही शिकायतों में न सिर्फ जर्जर भवनों का जिक्र है, बल्कि शिक्षकों की गैरहाजिरी, मध्यान्ह भोजन की बदहाली और यहां तक कि स्कूल परिसर में नशा करने जैसे गंभीर आरोप भी सामने आए हैं.
शराब के नशे में शिक्षकों का आना, अभिभावकों से झगड़ा
कई स्कूलों में आरोप लगा है कि शिक्षक शराब के नशे में स्कूल पहुंचते हैं और छात्रों के अभिभावकों के साथ दुर्व्यवहार करते हैं. कुछ शिकायतें तो इतनी गंभीर हैं कि विद्यालय परिसर में नशीले पदार्थों का सेवन होते हुए भी बताया गया है.
ढहते स्कूल भवन, टूटी बेंच-डेस्क और गंदगी का आलम
450 से ज्यादा शिकायतों में सबसे ज्यादा नाराज़गी स्कूलों की जर्जर हालत को लेकर है. कई विद्यालयों में बच्चों के बैठने के लिए न बेंच हैं, न ही ढंग के क्लासरूम। लाइब्रेरी और प्रयोगशालाओं की हालत भी दयनीय बताई गई है. मध्यान्ह भोजन में गड़बड़ी और साफ-सफाई का अभाव भी बड़े मुद्दे के रूप में उभरा है.
महिला शिक्षकों के साथ अभद्रता, फर्जी उपस्थिति का खेल
कुछ स्कूलों में महिला शिक्षिकाओं के साथ दुर्व्यवहार के आरोप लगे हैं. वहीं, कई जगह छात्रों की वास्तविक उपस्थिति से कहीं अधिक फर्जी उपस्थिति दर्ज करने की शिकायत भी की गई है. इससे शिक्षा व्यवस्था की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं.
कार्रवाई की तैयारी में शिक्षा विभाग
जिला शिक्षा अधिकारी संजय कुमार ने जानकारी दी कि अब तक 268 शिकायतों पर जांच शुरू हो चुकी है. दोषी पाए जाने पर शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई तय है. विभाग ने जांच के लिए ब्लॉक स्तर के अफसरों को जिम्मेदारी सौंपी है.
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बच्चों ने दिखाई हिम्मत, खुद कर रहे हैं शिकायत
टोल फ्री नंबरों पर सबसे ज्यादा शिकायतें खुद छात्रों ने दर्ज कराई हैं. यह इस बात का संकेत है कि अब बच्चे भी अपने अधिकारों के प्रति सजग हो रहे हैं और स्कूलों की वास्तविकता को सामने लाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं.