IND- PAK War: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद बिहार सरकार ने राज्य के सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था को कड़ी कर दी है. इसी कड़ी में सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में पूर्णिया समाहरणालय स्थित महानंदा सभागार में एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई. बैठक का मुख्य लक्ष्य पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, अररिया और सुपौल जैसे नेपाल और बांग्लादेश से सटे जिलों में सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करना और चौकसी को और मजबूत बनाना था.
गृह विभाग के सचिव ने क्या बताया
बैठक में गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने सीएम को प्रेजेंटेशन के माध्यम से सभी जिलों में सुरक्षा तैयारियों की डिटेल जानकारी दी. उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि धार्मिक स्थलों, महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों, अंतरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्रों और प्रमुख सड़कों और पुलों की सुरक्षा को लेकर विशेष प्रबंध किए गए हैं. इसके साथ ही अवैध हथियारों, मादक पदार्थों और मानव तस्करी पर रोकथाम के लिए निगरानी को सख्त किया गया है. आपात स्थिति से निपटने के लिए अग्निशमन और चिकित्सा व्यवस्था को भी चुस्त-दुरुस्त रखा गया है.
अलर्ट मोड में रहने का निर्देश
बैठक में भारतीय थल सेना, वायुसेना, बीएसएफ, एसएसबी और रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद की स्थिति को देखते हुए अपनी तैयारियों की जानकारी दी. उन्होंने राज्य सरकार से समन्वय के बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की और आश्वासन दिया कि हर संभव सहयोग किया जाएगा. सभी सुरक्षा एजेंसियों ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए वे पूरी तरह तैयार हैं.

सीएम ने क्या-क्या निर्देश दिया
सीएम ने कहा कि राज्य के सभी सीमावर्ती जिलों में भी इसी तरह की सतर्कता बरती जाए. सभी महत्वपूर्ण स्थानों पर पुलिस बल की तैनाती हो और वरिष्ठ अधिकारी समय-समय पर गश्त करके सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लें. उन्होंने विशेष रूप से भारत-नेपाल सीमा की सुरक्षा पर ध्यान देने को कहा और एसएसबी के साथ मिलकर पूरे इंडो-नेपाल बॉर्डर पर नियमित गश्त सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सीमावर्ती क्षेत्रों में चौकसी बढ़ाई जाए. लगातार गश्त हो और संदिग्ध गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जाए.
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अफवाह से बचने को कहा
सीएम नीतीश ने बैठक में अफवाहों से बचने और सूचना तंत्र को मजबूत करने की बात कही. उन्होंने कहा कि आतंकवादी या असामाजिक तत्व किसी को लालच देकर गुमराह कर सकते हैं, इसलिए ऐसी गतिविधियों पर विशेष निगरानी जरूरी है. केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जो कार्रवाई हो रही है राज्य सरकार उसमें पूरी तरह सहयोग कर रही है और आगे भी करेगी.
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