Bihar Crime: पूर्णिया जिला मुख्यालय से करीब 20 किमी दूर पूर्णिया पूर्व प्रखंड के रजीगंज पंचायत के टेटगामा आदिवासी टोला में 6-7 जुलाई की रात डायन बिसाही के आरोप में एक ही परिवार के पांच लोगों को जलाकर मार देने के मामले में बिहार सरकार का रूख काफी सख्त है. राज्य सरकार ने मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिये हैं. जांच की जवाबदेही पूर्णिया के आयुक्त एवं डीआइजी को संयुक्त रूप से सौंपी गयी है.
पेट्रोल छिड़क जिंदा जला दिया गया था
सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए घटना की सभी पहलुओं की जांच कर संयुक्त प्रतिवेदन सात दिनों के अंदर देने का निर्देश दिया है. घटना के दूसरे दिन प्रमंडलीय आयुक्त राजेश कुमार ने घटनास्थल का दौरा किया और जरूरी निर्देश दिये हैं. टेटगामा नरसंहार में एक ही परिवार के पांच लोगों को पेट्रोल छिड़क जिंदा जला दिया गया था. मृतकों में कातो देवी (70), उसके बेटा-बहू बाबूलाल उरांव (50 ) व सीता देवी (40) और पोता व उसकी पत्नी मनजीत कुमार (25) व रानी देवी (20) शामिल थे. मृतकों के घर से दो किमी दूर दरगाह घेसरिया बहियार के जलकुंभी से भरे चाप से पांचों शव को पुलिस ने बरामद किया था.
23 नामजद और डेढ़ सौ अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज
पूर्णिया पूर्व प्रखंड के रजीगंज पंचायत के टेटगामा आदिवासी टोला में हुए नरंसहार के मामले में मुफस्सिल पुलिस ने 23 नामजद और डेढ़ सौ अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. अबतक तीन आरोपित गिरफ्तार किये गये हैं. पूर्णिया की एसपी स्वीटी सहरावत ने बताया कि घटना में संलिप्त तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया है. इन तीनों अभयुक्तों ने घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है. शेष अभियुक्तों की गिरफ्तारी एवं अन्य पहलुओं पर अग्रतर अनुसंधान के लिए अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी-1, के नेतृत्व में एक विशेष अनुसंधान दल (SIT) का गठन किया गया है.

कप्तान पुल में हुआ पांचों का अंतिम संस्कार
घटना के दूसरे दिन मंगलवार की अहले सुबह पुलिस निगरानी में पांच शवों का कप्तान पुल में अंतिम संस्कार किया गया. इस घटना में जान बचाकर भागे 14 वर्षीय सोनू को फिलहाल किशोर न्यास बोर्ड पूर्णिया में रखा गया है. पूर्णिया की एसपी स्वीटी सहरावत ने बताया कि बताया कि दंडाधिकारी की मौजूदगी में सभी पांचों शवों का पोस्टमार्टम विशिष्ट मेडिकल बोर्ड द्वारा कराया गया है.

रजीगंज पंचायत के सभी कर्मियों व जनप्रतिधियों पर बिफरे कमिश्नर, पूछा- कैसे नहीं लगी घटना की भनक
टेटगामा नरसंहार को लेकर जांच को आये पूर्णिया प्रमंडल के कमिश्नर राजेश कुमार ने रजीगंज पंचायत के सभी कर्मियों व जनप्रतिनिधियों की जमकर क्लास लगायी. सभी से कमिश्नर ने एक ही सवाल किया कि इतनी बड़ी साजिश रची गयी और किसी को भनक तक नहीं लगी. कानोंकान खबर तक नहीं हुई, आखिर कैसे? मंगलवार को कमिश्नर राजेश कुमार घटनास्थल पर पहुंचे.
शुरुआती जांच के बाद ही कमिश्नर से रजीगंज पंचायत के सभी कर्मियों और पंचायत जनप्रतिनिधियों को फौरन तलब कर लिया. कमिश्नर के हुक्म पर पंचायत सचिव, आंगनबाड़ी , स्वास्थ्य केंद्र के कर्मी, टोला सेवक, मुखिया, पंचायत समिति सदस्य समेत सभी एक साथ हाजिर हुए. कमिश्नर ने बारी-बारी से सबसे घटना को लेकर पूछताछ की. इस क्रम में कमिश्नर को पता चला कि एक जनप्रतिनिधि ने अपने बदले अपने प्रतिनिधि को भेज दिया है. इस पर कमिश्नर काफी नाराज हो गये. इसके बाद उक्त जनप्रतिनिधि स्वयं उपस्थित हुए.
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आरोपितों ने कहा था- आधा घंटा में बीमार बच्चा ठीक नहीं हुआ, तो सबको जलाकर मार देंगे
पूर्णिया पूर्व प्रखंड के रजीगंज पंचायत के टेटगामा आदिवासी टोला में हुए नरसंहार में पुलिस ने घटना के दौरान जान बचाकर भागे सोनू के बयान पर मामला दर्ज किया है. प्राथमिकी के अनुसार, 06 जुलाई की रात्रि समय करीब 10:00 बजे जब सोनू खाना खाकर सोने जा रहा था . तभी गांव का रामदेव उरांव 40 वर्ष अपने 18 वर्षीय भगिना सुनील उरांव को बीमार अवस्था में मेरे घर लेकर आया. मां सीता देवी, पिता बाबूलाल उरांव, भाई मंजीत उरांव, भाभी रानी देवी एवं दादी कातो को बोले कि तुमलोग डायन हो. मेरे बीमार भगिना को जल्दी ठीक करो. तुम्हें आधा घंटा का समय देते हैं, नहीं तो सबको जलाकर मार देंगे.
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पहले मेरे बेटे सुमित को खाया, अब मेरा भगिना सुनील को खाओगे!
टेटगामा नरसंहार में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार आरोपित रामदेव उरांव के पुत्र सुमित उम्र 08 वर्ष की मृत्यु 10 – 11 दिन पहले बीमारी के कारण हो गई थी. 06 जुलाई की रात्रि समय करीब 10:00 बजे जब आरोपित रामदेव उरांव अपने बीमार भगिना सुनील उरांव को लेकर मृतक परिवार के पास पहुंचा तो आरोप लगाया कि डायनी कर मेरे बेटा सुमित कुमार को खा गया और अब मेरा भगिना सुनील कुमार को खाओगे क्या?
धमकी देने के आधे घंटे बाद ही पूरे परिवार को मारने को जुट गयी भीड़
टेटगामा नरसंहार में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार धमकी देने के आधा घंटा के बाद रामदेव उरांव, नकुल उरांव समेत 23 नामजद एवं अन्य 150-200 अज्ञात लाठी-डंडा, रड एवं हरवे हथियार से इकट्ठा हो गये. पांचों को रस्सी से बांधकर मारपीट की. फिर गाली-गलौज करते हुए घर से खींचकर गांव के पोखर के पास ले गये. सोनू को भी एक महिला खींचकर पोखर पर लेकर चली गयी. वहां पर सोनू के पिता, मां, भाई, भाभी एवं दादी के साथ बेरहमी से मारपीट कर अधमरा कर दिया. तेल छिड़कर जब जला रहे थे, तो सोनू किसी प्रकार हाथ छुड़ाकर वहां से भाग गया.

अंधेरे में छिपकर सोनू ने देखा पूरे परिवार को जलाकर मारते
टेटगामा नरसंहार में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, मृतक परिवार का सोनू घटनास्थल से किसी तरह जान बचाकर भागने के बाद ज्यादा दूर नहीं गया. कुछ दूर के बाद ही वह अंधेरे में एक जगह छिप गया. वहां से घटनास्थल उसे दिखायी दे रहा था. जहां से वह अपने परिजनों की चीख-पुकार सुन रहा था. इतने में उसने देखा कि आग जला दी गयी है और उस जलती आग में उसे परिजनों को झोंक दिया गया. आग से जलाने के बाद पांचों के शव को बोरा में बांध दिया गया. कुछ देर बाद एक व्यक्ति ट्रैक्टर ट्रेलर लेकर आया. फिर बोरा में डाले गये शवों को ट्रैक्टर-ट्रेलर से ले गये.
टेटगामा नरसंहार के 23 नामजद अभियुक्त
- रामदेव उरांव
- नकुल उरांव
- अनिल, रामदेव का जीजा
- संतलाल
- कल्पी देवी पति छठु उरांव
- सोनी देवी पति रामदेव उरांव
- बिट्टु
- मीना देवी पति हरेन्द्र उरांव
- रंकी , रामदेव के बगलवाला
- देवलाल उरांव
- टुसिया देवी पति देवलाल
- पुठिया देवी पति नेवलाल
- छोटेलाल
- राजेश उरांव
- केसवा उरांव
- नागेन्द्र उरांव
- फुलिया पति स्व. बुधवा
- श्रवण उरांव
- बुनिया देवी पति श्रवण उरांव
- जमीरलाल पे. नामालूम
- बल्लू उरांव की पत्नी
- शांति देवी पति डब्लु उरांव
- देवलाल उरांव