पूर्णिया. मेडिकल के मामले में समृद्ध कहे जाने वाले इस जिले में निजी अस्पतालों की भारी भीड़ के बीच राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल संजीवनी साबित हो रहा है. खास तौर पर वैसे वर्गों के लिए जो गरीब और लाचार हैं और बड़े अस्पतालों का खर्च नहीं उठा सकते. हालांकि जीएमसीएच में अभी भी काफी सुविधाओं की अनुपलब्धता है और काफी कुछ किया जाना बाकी है. लेकिन लगातार प्रयासों के परिणामस्वरूप यहां धीरे धीरे चीजें व्यवस्थित हो रही हैं. उपचार के साथ साथ विभिन्न प्रकार की जांच सम्बन्धी क्रियाकलापों में गतिविधियां तेज हुई हैं. इसी कड़ी में बहुत जल्द जीएमसीएच में ‘बोन मैरो’जांच की सुविधा भी उपलब्ध होने वाली है. बोन मैरो टेस्ट से कैंसर का पता लगाने में होगी सहूलियत
चिकित्सकों का कहना है कि बोन मैरो ख़ास तौर पर हड्डियों के अंदर जैसे कि कूल्हे, रीढ़, पसलियों और जांघ की हड्डियों के केंद्र में पाया जाने वाला एक मुलायम, स्पंजी ऊतक है. यह रक्त कोशिकाओं के उत्पादन का मुख्य स्थान है. बोन मैरो जांच के लिए इसी स्थान से सैम्पल लिया जाता है और उसकी जांच की मदद से शरीर में खून की कमी की वजह और रोगों के स्थान एवं प्रकार की सटीक और जल्द जानकारी प्राप्त की जा सकती है जिससे त्वरित उपचार संभव हो पाता है. इसके साथ साथ सम्बंधित रोगों के उपचार के क्रम में निगरानी रखने में भी मदद मिलती है. ख़ास तौर पर कैंसर के मामले में बोन मैरो बायोप्सी के लिए सुई के माध्यम से बोन मैरो का एक छोटा सा हिस्सा लिया जाता है जिसकी प्रयोगशाला में जांच के बाद मरीज के अंदर के रक्त विकारों, कैंसर, और अन्य स्थितियों का निदान करने में मदद मिलती है.कैंसर मरीजों की बढती संख्या चिंताजनक
जिले में कैंसर मरीजों की बढती संख्या का ग्राफ बेहद डरावना है. अमूमन हर दिन लगभग एक सौ से ज्यादा कैंसर संभावित मरीजों की जांच यहां की जाती है. बीते तीन माह का ब्योरा अगर देखा जाय तो स्क्रीनिंग के दौरान मई माह में 35, जून में 28 और जुलाई में अबतक 21 कैंसर के सबसे गंभीर आशंका वाले मरीज पाए गये जबकि मई में 12, जून में 9 और जुलाई में अबतक 15 मरीजों में कैंसर कन्फर्म किये जा चुके हैं. इनमें मुंह के कैंसर सबसे अधिक हैं. चिकित्सकों का कहना है कि बोन मैरो बायोप्सी से कैंसर के मामले में अर्ली स्टेज में जानकारी मिल जाने से मरीजों के स्वस्थ होने की संभावना बढ़ जायेगी.बोले प्राचार्य
जीएमसीएच में क्रमवार जरुरत के अनुसार संसाधने जुटायी जा रही हैं. मेडिकल स्टूडेंट्स के शिक्षण प्रशिक्षण एवं मरीजों के लिए सहूलियत को देखते हुए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं. जल्द ही बोन मैरो जांच की सुविधा उपलब्ध होगी. संभवतः इसी सोमवार से शुरू हो. अभी डब्लूएचओ की टीम के साथ भी बैठक हुई है. उम्मीद है कि इसके साथ कालाजार की जांच के लिए भी स्प्लिनिक पंचर की सुविधा लोगों को जल्द मिले. प्रो. डॉ. हरिशंकर मिश्र, प्राचार्य जीएमसीएचआंकड़ों पर नजर
जीएमसीएच में अबतक की गयी स्क्रीनिंग – कुल 75366(पुरुष – 32384, महिलायें – 42982)
कैंसर के कन्फर्म मामले – 218मुंह के कैंसर – 116
ब्रेस्ट के कैंसर – 44सर्वाइकल कैंसर – 16
अन्य प्रकार के कैंसर – 44डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है