पूर्णिया. झारखंड आंदोलन के जननायक और पूर्व मुख्यमंत्री दिशोम गुरु शिबू सोरेन के पार्थिव शरीर का अंतिम दर्शन करने पूर्णिया के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव पहुंचे और नम आंखों से श्रद्धांजलि अर्पित की. इस अवसर पर उन्होंने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ढांढस बंधाया और दुख की इस घड़ी में संवेदना प्रकट की. सांसद पप्पू यादव ने कहा कि गुरुजी का जाना केवल एक राजनीतिक नेतृत्व का अंत नहीं, बल्कि झारखंड की आत्मा, उसकी संघर्षशील चेतना और सांस्कृतिक पहचान के एक स्तंभ का विलीन होना है. उनका समर्पण, उनकी दूरदृष्टि और जनजातीय समाज के लिए किया गया संघर्ष आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देता रहेगा.उन्होंने कहा कि संथाल परगना की लाल माटी से उठकर देश की संसद तक पहुंचने वाले शिबू सोरेन ने जंगल, जमीन और जीवन को जनआंदोलन का मूलमंत्र बनाया और आदिवासी चेतना को सशक्त स्वर प्रदान किया. उनका नेतृत्व उस मिट्टी की सोंधी खुशबू से जुड़ा था, जो सादगी, संघर्ष और न्याय की मिसाल है. गुरुजी के निधन से देश ने एक ऐसा लोकनायक खो दिया, जिसकी विरासत को शब्दों में समेटना कठिन है लेकिन उनकी विचारधारा और मूल्य आज भी झारखंड के कोने-कोने में धड़कते हैं. आने वाली पीढ़ियाँ उन्हें स्मरण करती रहेंगी एक आंदोलन के जनक, एक राज्य के निर्माता और एक युगद्रष्टा के रूप में.
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