पूर्णिया. बिजली आपूर्ति की लचर व्यवस्था से शहर से गांव तक उपभोक्ता हलकान हैं. आलम यह है कि कहीं हर घंटे चार से पांच बार बिजली की ट्रिपिंग होती है, तो कहीं बिजली के आने-जाने का कोई निर्धारित समय नहीं. सप्लाय सिस्टम के नकारा होने को लेकर लोगों का आक्रोश बढ़ रहा है. शहर के पूर्वी इलाके में रविवार की देर रात डेढ़ बजे के करीब बिजली आयी, जबकि दिन में लगातार ट्रिपिंग का सिलसिला जारी रहा. सोमवार की सुबह से फिर वही हाल है. लोग इतने परेशान हैं कि कहीं पानी का टंकी नहीं भर रहा, तो कहीं इन्वर्टर और मोबाइल डिस्चार्ज हो रहा है.
अभी उमस भरी गर्मी लोगों के लिए पहले से परेशानी का सबब बनी है और इस पर बिजली का नखरा अलग से है. ऐसे कई मोहल्ले हैं जहां सुबह से देर रात तक लगातार बिजली की आंख-मिचौनी होती रही. इतना ही नहीं कभी-कभी तो दो से तीन घंटे तक बिजली गुल रहती है. शहर के गुलाबबाग, खुश्कीबाग, अर्जुन भवन रोड, लाइन बाजार, मधुबनी, हाउसिंग कॉलोनी सहित विभिन्न मोहल्ले में रविवार को देर रात तक बिजली की आंख मिचौनी का खेल चलते रहा.सड़क पर उतरने का मन बना रहा छात्र राजद
बिजली लाइन का फेज उड़ जाना और लॉ वोल्टेज की समस्या अत्यधिक बढ़ गयी है. शहर के अमन श्रीवास्तव, शशि कुमार, अंकित कुमार आदि स्थानीय लोगो का कहना है कि जब बिजली घंटों बाधित होती है तो बिजली कर्मी का एक ही जवाब होता है कि ब्रेकडाउन या ग्रिड से लोड शेडिंग की गयी है. बिजली आपूर्ति की लचर व्यवस्था के कारण छात्र राजद के नेता पीयूष पुजारा ने कहा कि सड़क पर उतरने की नौबत आ गयी है और मन बना लिया है. पीयूष का कहना है कि अगर ऐसे ही बिजली की लचर व्यवस्था रही तो बहुत जल्द सैकड़ों स्थानीय लोगों और छात्रों के साथ बिजली कंपनी कार्यालय का घेराव कर प्रदर्शन किया जाएगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है