पूर्णिया. स्थानीय रंग संस्था रंग मिथ एवं भरतनाट्य कला केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में रंगमंच के दिग्गज और भारतीय रंगजगत की अंतरराष्ट्रीय पहचान रतन थियम के निधन पर एक शोक सभा आयोजित की गयी. शोकसभा में जिले के वरिष्ठ और नवोदित रंगकर्मियों ने उनकी स्मृति में पुष्प अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी और उनके रंगमंचीय योगदान को याद किया. रंग मिथ के अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, नई दिल्ली से जुड़े वरिष्ठ रंगकर्मी मिथिलेश राय ने कहा यह रंगमंच जगत की अपूरणीय क्षति है. उन्होंने भारतीय रंगमंच को न केवल नई दिशा दी बल्कि उसकी दशा को भी वैश्विक मंच पर पुनः स्थापित किया.भरतनाट्य कला केंद्र के सचिव उमेश आदित्य ने भी अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि रतन थियाम भारतीय रंगमंच में एक मिथक के रूप में स्थापित थे. ये पहले ऐसे राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के छात्र रहे जिन्होंने अपने ही प्रमाण पत्र पर रा ना वि के निर्देशक बनने पर हस्ताक्षर किए. वे 1970 में शुरू हुए ”थियेटर ऑफ रूट्स” आंदोलन के सशक्त हस्ताक्षर थे. इस शोकसभा में जिले के चर्चित लेखक रविंद्र सहाय, समीक्षा समीक्षक अनिल पंकज, वरिष्ठ रंगकर्मी राम भजन, रंगकर्मी व लेखक मिथुन कुमार, वरिष्ठ रंगकर्मी कुंदन कुमार, शिवाजी राव, अभिनव आनंद, विशाल कुमार, आदित्य कुमार, दीपक, एवं अन्य कई रंगकर्मी उपस्थित रहे.
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