सहरसा. नेपाल से सटे मिथिला के राजा शैलेश एवं रानी चंद्रावती की कहानियों की जीवंत झलक अमृत भारत स्टेशन सहरसा पर मिलेगी. मिथिला पेंटिंग्स में पद्म श्री से सम्मानित शिवन पासवान एवं शांति देवी ने अमृत भारत स्टेशन के दीवारों पर राजा शैलेश एवं रानी चंद्रावती की कहानी को उकेरा है. गुरुवार को दोनों ने मिथिला पेंटिंग्स से सहरसा के संस्कृति को भी दर्शाया है. अमृत भारत स्टेशन का नया भवन कोसी के सांस्कृतिक धरोहर से अगले 20 दिनों में इसकी झलक दिखने लगेगी. लोकल आर्ट एवं कला को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अमृत भारत स्टेशन का कोना-कोना लोकल कल्चर व सांस्कृतिक धरोहर को मिथिला पेंटिंग्स द्वारा उकेरा जा रहा है. मिथिला आर्टिस्टों की 17 सदस्यीय टीम सहरसा जंक्शन के अमृत भारत स्टेशन पर मिथिला पेंटिंग्स का काम कर रही है. इनमें चार मिथिला पेंटिंग्स से पुरस्कृत राज्य स्तरीय टीम के अलावा मास्टर कलाकार हैं. पद्म श्री से सम्मानित शिवन पासवान एवं शांति देवी द्वारा डिजाइन तैयार किया गया है. मिथिला पेंटिंग्स को इन आर्टिस्टों द्वारा अमृत भारत स्टेशन के कोने-कोने में उकेरा जा रहा है. वेटिंग हॉल से इसकी शुरुआत की गयी है, जो लगभग पूरा हो चुका है. इसमें खास बात है कि छठ, सामा चकेवा एवं झिझिया नृत्य से अमृत भारत भवन की हर दीवार अब चमक रही है. इसके अलावा भाप इंजन, इलेक्ट्रिक इंजन एवं वंदे भारत ट्रेन भी मिथिला पेंटिंग से सजेगी.
17 सदस्यीय टीम कर रही है काम
पद्म श्री शिवन पासवान के तैयार डिजाइन को 17 सदस्यीय टीम मिथिला पेंटिंग्स के रंगों से अमृत भारत स्टेशन पर सजा रही है. इनमें चार आर्टिस्ट करण कुमार, ज्वालामुखी देवी, कमल देव पासवान एवं उमेश पासवान मिथिला पेंटिंग्स में राज्य स्तर पर बिहार में पुरस्कृत हो चुके हैं. इसके अलावा टीम के 11 सदस्यों में रेणु देवी, आशा देवी, संजय पासवान, रुणl देवी, आरती देवी, सुमन कुमार, सुरेश पासवान के अलावा दो बाल आर्टिस्ट भी शामिल हैं.सहरसा की संस्कृति व धरोहरों की थीम पर सजेगा जंक्शन
वेटिंग हॉल एक पर मिथिला पेंटिंग की थीम राम-सीता स्वयंवर स्थान जानकी नगर होगा. वेटिंग हॉल दो की थीम शंकराचार्य व मंडन मिश्र शास्त्रार्थ रहेगा. इंक्वायरी के पैनल पर मिथिला पेंटिंग से सहरसा की संस्कृति व धरोहर को दिखाया जायेगा. प्रसिद्ध शक्ति स्थलों में शामिल उग्रतारा मंदिर, कंदाहा का सूर्य मंदिर, कारू खिरहर मंदिर, रक्त काली मंदिर मत्स्यगंधा को भी उकेरा जाएगा.मखाना उत्पादन भी सजेगा मिथिला पेंटिंग से
कोसी क्षेत्र में मखाना की उत्पादन अधिक होती है. लोगों को इसके प्रति और प्रेरित व आकर्षित करने के लिए मखाना उत्पादन की थीम पर भी अमृत भारत स्टेशन की दीवार पर मिथिला पेंटिंग की जाएगी.बाबा भुवनेश्वर धाम की मिलेगी झलक
अमृत भारत स्टेशन पर यात्रियों को बाबा भुनेश्वर धाम की झलक भी मिलेगी. सिमरी बख्तियारपुर थाना क्षेत्र के चकभारो पंचायत स्थित बाबा भुवनेश्वर धाम के जीवंत शिवलिंग को भी मधुबनी पेंटिंग्स के जरिए अमृत भारत स्टेशन पर दर्शाया जाएगा. पद्म श्री से सम्मानित शिवन पासवान मिथिला पेंटिंग से इसका डिजाइन तैयार करेंगे.गोदना को दर्शाया जाएगा
अमृत भारत स्टेशन पर गोदना को भी पेंटिंग्स के जरिये दर्शाया जाएगा. इसके अलावा नये भवन के पैनल एवं तीनों फ्लोर पर स्टीम इंजन एवं वंदे भारत ट्रेन की थीम मिथिला पेंटिंग्स से सजायी जाएगी. इसके लिए डिजायन पहले ही तैयार किया गया है.वास्तु कला से प्रेरित है डिजाइन
अमृत भारत योजना के तहत स्टेशनों के यह एकीकृत दृष्टिकोण रेलवे स्टेशन के आसपास के क्षेत्र पर केंद्रित शहर के समग्र शहरी विकास के विजन से प्रेरित होगा. पुनर्विकास कार्य से अच्छी तरह से सुव्यवस्थित यातायात सुविधा, इंटर-मोडल एकीकरण एवं यात्रियों के मार्गदर्शन के लिए अच्छी तरह से डिजाइन किये गये चिन्हों को सुनिश्चित करने के साथ यात्रियों के लिए आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होगी. स्टेशन भवनों का डिजाइन स्थानीय संस्कृति, विरासत एवं वास्तुकला से प्रेरित होगा.जल जीवन हरियाली की भी दिखेगी मिथिला पेंटिंग
अमृत भारत का हर स्टेशन जल जीवन से प्रेरित होगा. सहरसा जंक्शन के एंट्रेंस गेट, बाउंड्री वॉल पर जल जीवन हरियाली को मिथिला पेंटिंग से जीवंत किया जाएगा. इसके अलावा कोसी क्षेत्र के कृषि उत्पादन को भी मधुबनी पेंटिंग्स से सजाया जाएगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है