सहरसा. लोकसभा में मंगलवार को सांसद दिनेश चंद्र यादव ने नियम 377 के तहत क्षेत्र के जनहित के महत्वपूर्ण मुद्दे को उठाया. उन्होंने कहा कि बिहार राज्य का उत्तरी-पूर्वी क्षेत्र अत्यंत पिछड़ा क्षेत्र में आता है. यहां गरीबों के लिए एक बेहतर स्वास्थ्य सुविधा की दरकार हमेशा बनी रहती है. राजधानी पटना से दूर तमाम कोसी क्षेत्र के गरीब एवं वंचितों के लिए बेहतर स्वास्थ्य-व्यवस्था का अभाव है. जबकि एम्स पटना की मौजूदा व्यवस्था एवं दरभंगा में स्वीकृत एम्स की दूरी लोगों को दिल्ली जाने के लिए विवश करती है. हालांकि एनडीए सरकार में नये नये मेडिकल कॉलेज खुल रहे हैं. लेकिन मेडिकल पीजी व स्पेशलाइजेशन शिक्षा की बुनियादी सुविधाएं इस क्षेत्र से कोसों दूर है. सहरसा या मधेपुरा में परिस्थितियों एवं उनकी जरूरतों को देखते हुए एक पीजीआई अस्पताल खोलने की आवश्यकता है. जिससे मरीजों को एक बेहतर स्वास्थ्य सेवा की सुविधा के साथ पिछड़े क्षेत्रों के छात्र-छात्राओं को मेडिकल स्नातकोत्तर चिकित्सा व स्पेशलिस्ट शिक्षा के लिए अवसर मिल सके. उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री से अनुरोध किया कि बिहार राज्य के कोसी क्षेत्र के सहरसा या मधेपुरा में एक पोस्टग्रेजुएट इन्स्टीच्यूट ऑफ मेडिकल साईंसेज अस्पताल खोलने की दिशा में अग्रतर कार्रवाई कर स्वीकृति दिलाएं. जिससे मरीजों एवं छात्र-छात्राओं की परेशानियों को दूर किया जा सके.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है