सहरसा. जिले के सौरबाजार प्रखंड के गम्हरिया पांचायत के रामपुर गांव स्थित स्वयंभू अंकुरित शिवलिंग महाकाल बाबा जालंधर नाथ का श्रावण मास में विशेष पूजा अर्चना होती है. तिलावे नदी के पावन तट पर स्थित बाबा महाकाल जालंधर नाथ आसपास के क्षेत्रों में काफी प्रसिद्ध हैं. वैसे तो नित्यप्रति हजारों श्रद्धालु बाबा के दर्शन पूजन को आते रहते है, लेकिन श्रावण के महीने में जहां एक तरफ श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. वहीं सैकड़ों डाक बम, पैदल बम एवं बाइक सवार बम मुंगेर छर्रा पट्टी एवं अगुवानी से जल लेकर बाबा को अर्पित करते हैं. बाबा जालंधर नाथ सेवा समिति के शैलेश कुमार झा ने कहा कि बाबा जालंधर नाथ का शिवलिंग स्वयं भू अंकुरित है. जिसका इतिहास असूर सम्राट जालंधर से जुड़ा हुआ है. बाबा का शिवलिंग दक्षिण मुखी होने के साथ ईशान कोण की ओर झुका हुआ है, जो जीव को शुभफल देने के साथ अकाल मृत्यु योग को समाप्त करता है. बाबा के पुजारी गौरीशंकर ठाकुर एवं रामशरण ठाकुर द्वारा नियमित विधिवत पूजा, भोग एवं आरती की जाती है. मंदिर के विधि-व्यवस्था में रामपुर, बरदाहा, आरण, ईटहरा, गम्हरिया, के युवाओं का महत्वपूर्ण योगदान रहता है.
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