अब रात्रि में भी पेट्रोलिंग, बेस से अभी काफी नीचे है जलस्तर, स्थिति अभी कंट्रोल सहरसा . सहरसा मानसी रेलखंड के कोपरिया से फनगो हाॅल्ट तक रेलवे ट्रैक के पास से गुजरी कोसी नदी के किनारे ब्लास्ट बिछाए जायेंगे. समस्तीपुर डिवीजन के डीआरएम विनय कुमार श्रीवास्तव ने भी दो दिन पूर्व फनगो हॉल्ट के पास कोसी नदी रेल पुल संख्या 47 का निरीक्षण किया. साथ ही कटाव क्षेत्र का भी निरीक्षण किया. डीआरएम ने कोपरिया से कोसी नदी रेल पुल संख्या 47 तक रेलवे ट्रैक किनारे से गुजर रही कोसी नदी से कटाव रोकने के लिए ब्लास्ट बिछाए जाने का निर्देश संबंधित विभाग को दिया. हालांकि पहले से ब्लास्ट बिछाया गया है. लेकिन कटाव को देखते हुए नाकाफी है. निरीक्षण के दौरान साथ में संबंधित विभाग के कई अधिकारी थे. क्या है मामला नेपाल के तराई इलाकों में इन इन दिनों लगातार हो रही बारिश का असर अब बिहार के इलाकों में दिखने लगा है. खासकर बराज से छोड़े जा रहे पानी के कारण कोसी नदी का जलस्तर लगातार अब बढ़ रहा है. जिससे सहरसा मानसी रेलखंड पर सबकी नजर टिक गयी है. फनगो हॉल्ट के पास स्थित पुराने कटाव स्थल पर कोसी की धार तेज हो गयी है. जिससे रेल ट्रैक की सलामती का कार्य शुरू हो गया है. रात्रि में पेट्रोलिंग शुरू कोसी नदी रेल पुल संख्या 47 पर जल स्तर लगातार बढ़ रहा है. लेकिन रेलवे पुल के ऊपर से गुजरी रेलवे ट्रैक खतरे के निशान से अभी काफी ऊपर है. वर्तमान स्थिति यह है कि डेंजर लेवल के नीचे जो बेस है जल स्तर उससे भी काफी नीचे है. यानी स्थिति अभी कंट्रोल में है. लेकिन यह भी स्पष्ट है कि लगातार जल स्तर बढ़ने से रेलवे के माथे पर चिंता की लकीरें स्पष्ट दिख रही है. रेल प्रशासन भी रेल पुल सलामती के लिए पूरी ताकत से जुटी है. इसको लेकर रात्रि में अभी से ही पेट्रोलियम शुरू कर दी गयी है. कटाव पर रेलवे की नजर, जारी है बचाव कार्य रेलवे प्रशासन फिलहाल पूरी सतर्कता के साथ हालात पर नजर बनाए हुए है. पूर्व मध्य रेलवे के अधीन सहरसा मानसी रेलखंड के फनगो हॉल्ट के पास कटाव निरोधी कार्य किया जा रहा है. ग्रामीणों के अनुसार अभी स्थिति सामान्य है. लेकिन जुलाई में वर्षा की तीव्रता बढ़ने पर संकट गंभीर हो सकता है. ऐसे में रेलवे को पहले से पूरी तैयारी रखनी होगी. 2016 की यादें फिर ताजा यह बता दें कि वर्ष 2016 में इसी जगह कोसी का कटाव इतना तेज हो गया था एवं रेलवे को ट्रैक पर परिचालन रोकना पड़ा था. जानकारी मुताबिक उस वर्ष जून से ही कटाव शुरू हो गया था. लेकिन जुलाई के आखिर में हालात बेहद खराब हो गये थे. रात डेढ़ बजे के करीब डीआरएम ने रेलखंड पर परिचालन स्थगित करने का आदेश दिया और अगले दो दिनों तक खुद रहकर कटाव रोधी कार्यों की निगरानी की थी. भविष्य के लिए जरूरी है सतर्कता ग्रामीणों का मानना है कि समय रहते रेलवे ने जरूरी कदम नहीं उठाए तो इस वर्ष भी 2016 जैसी स्थिति बन सकती है. कोसी की प्रवाह क्षमता और तेज बहाव को देखते पहले से प्रभावी कदम उठाना रेलवे की प्राथमिकता होनी चाहिए. रेलवे विभाग द्वारा अभी बोल्डर गिराने का कार्य जारी है एवं ट्रैक की निगरानी भी की जा रही है. लेकिन जैसे-जैसे मानसून गहराएगा, खतरा भी बढ़ेगा. लिहाजा समय रहते पुख्ता व्यवस्था करना ही सहरसा-मानसी रेलखंड को सुरक्षित रख सकता है. क्या कहते हैं डीआरएम समस्तीपुर डिवीजन के डीआरएम विनय कुमार श्रीवास्तव ने जानकारी देते बताया कि बुधवार को कोसी नदी रेल पुल का निरीक्षण किया गया था. स्थिति अभी कंट्रोल में है. वर्तमान में जल स्तर डेंजर लेवल से काफी नीचे है. लेकिन कटाव रोकने के लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है. भविष्य में जल स्तर बढ़ने के बाद परिचालन व्यवस्था बाधित नहीं हो रेलवे इसके लिए पहले से तैयारी कर रही है. रात्रि में पेट्रोलिंग भी शुरू कर दी जायेगी. फोटो – सहरसा 06- निरीक्षण करते डीआरएम
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