विश्व रक्तदाता दिवस पर राज्य सरकार ने 18वीं बार राजकीय रक्तदाता सम्मान से किया है सम्मानित सहरसा . जिले से आने वाले गणेश कुमार भगत ने अपने जीवन को समाज सेवा व रक्तदान के लिए समर्पित कर दिया है. उनकी पत्नी कविता कुमारी जो स्वयं एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं, बच्चों के साथ, गणेश कुमार भगत श्री शंकर बाबू स्मृति सेवा फाउंडेशन के निदेशक के रूप में कार्यरत हैं. उनके काम से हज़ारों जिंदगियां बच रही है. एक दशक रक्तदान के लिए समर्पित पिछले 10 वर्षों से सक्रिय इस फाउंडेशन ने अब तक 12 हजार से अधिक लोगों की जान बचाने में सहयोग किया है. गणेश कुमार भगत ने दो सौ रक्तदाताओं का एक सक्रिय व्हाट्सएप ग्रुप बनाया है. यह समूह हर वर्ष बिहार सरकार को एक सौ यूनिट रक्त रक्तदान शिविरों के माध्यम से दान करता है. अपने पिता से प्रेरणा लेने के बाद गणेश कुमार भगत स्वयं 2008 से लगातार रक्तदान कर रहे हैं एवं अब तक वे कुल 52 बार रक्तदान कर चुके हैं. उनके इस निस्वार्थ कार्य के लिए उन्हें बिहार सरकार द्वारा विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर 18 बार राजकीय रक्तदाता सम्मान से सम्मानित किया है. यह सम्मान उनके अथक प्रयासों का प्रमाण है. थैलेसीमिया जागरूकता व सहायता गणेश कुमार भगत का कार्य सिर्फ सामान्य रक्तदान तक सीमित नहीं है वे सहरसा जिले के कुल 47 बच्चों को थैलेसीमिया के प्रति जानकारी देते हैं व उन्हें इस बीमारी से बचाव के बारे में शिक्षित करते हैं. इसके साथ ही वे उन 47 थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों को समय-समय पर रक्तदान कराकर रक्त उपलब्ध कराने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. जो उनके जीवन को बनाए रखने के लिए बेहद जरूरी है. युवाओं के लिए दिया संदेश शादी से पहले थैलेसीमिया की जांच कराए व अपना ब्लड ग्रुप का भी पता करवायें. यह संदेश थैलेसीमिया जैसी गंभीर बीमारी की रोकथाम के लिए उनकी गहरी चिंता को दर्शाता है. गणेश कुमार भगत का जीवन, उनका समर्पण एवं समाज के प्रति उनका सेवा भाव सभी के लिए प्रेरणा है. उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति भी अपनी लगन व दूसरों की मदद करने के जज्बे से समाज में बड़ा एवं सकारात्मक बदलाव ला सकता है.
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