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कचरा व यूरिनल की बदबू के बीच पढ़ती हैं बच्चियां

बालिका शिक्षा को लेकर महावीर चौक बनगांव रोड में स्थापित की गयी रूपवती कन्या विद्यालय बालिकाओं की सुरक्षा को लेकर कोई पहल नहीं की जा रही है.

रूपवती कन्या विद्यालय के मुख्य गेट पर कचरा डंपिंग, छात्राओं की बढ़ी परेशानी

स्थानीय लोग भी विद्यालय परिसर में फेंकते हैं कचरा

नगर निगम देखकर भी कर रहा अनदेखी

सहरसा. प्रमंडलीय मुख्यालय में बालिका शिक्षा को लेकर महावीर चौक बनगांव रोड में स्थापित की गयी रूपवती कन्या विद्यालय बालिकाओं की सुरक्षा को लेकर कोई पहल नहीं की जा रही है. यहां वर्ग एक से 12वीं तक की पढ़ाई होती है, लेकिन यहां स्वच्छता की पूरी तरह धज्जियां उड़ाई जा रही है. विद्यालय के मुख्य द्वार के आगे कचरा व गंदा पानी इस कदर जमा रहता है कि इस रास्ते विद्यालय प्रवेश करना भी मुश्किल भरा होता है. यह समस्या यहां वर्षों से आ रही है, लेकिन जानकर भी नगर निगम पूरी तरह अनदेखा कर रही है. आम दिनों में कभी कभार कचरा उठा लिया जाता है, जबकि सफाईकर्मियों की हड़ताल के समय यह गंभीर समस्या बनकर खड़ी होती है, जो बच्चों के स्वास्थ्य के साथ बड़ा खिलवाड़ है. यहां स्थानीय लोगों द्वारा कचरे की डंपिंग की जाती है, जिससे स्वच्छता मानक की पूरी तरह धज्जियां उड़ती है. नगर निगम द्वारा भी यहां समस्याओं का अंबार लगा दिया गया है. बालिकाओं के लिए बने इस विद्यालय के मुख्य गेट के निकट पुरुष यूरिनल बना दिया गया है. यहां लगभग सुबह से लेकर देर रात्रि तक इसका उपयोग करने के लिए स्थानीय लोग लाइन में लगे रहते हैं. ऐसे में लड़कियों को इस रास्ते प्रवेश करने में शर्म तक महसूस होती है, लेकिन इसकी शिकायत भी सुनने के लिए कोई तैयार नहीं है. इसके अलावा विद्यालय के मुख्य गेट पर दिनभर कचरे की डंपिंग की जाती है. जहां आवारा पशु जमा रहते हैं, जिससे जान का भी खतरा रहता है.

स्थानीय लोग भी बढ़ा रहे परेशानी

विद्यालय में प्रारंभिक स्तर से उच्च माध्यमिक स्तर तक की सैकड़ों छात्राएं प्रतिदिन विद्यालय आती हैं. विद्यालय का भीतरी परिसर तो साफ सुथरा दिखता है, लेकिन बाहरी चहारदीवारी के अंदर कचरों का अंबार लगा रहता है, जिस कारण विद्यालय के नीचे के कमरे की सभी खिड़कियों को दीवार देकर बंद करना पड़ा है. स्थानीय लोगों ने बाउंड्री के अंदर से लेकर खिड़कियों के छज्जे पर कचरे फेंक कर वर्ग कक्ष तक को खराब कर दिया है. हालात यह है कि विद्यालय के सभी नीचे के कमरे में पढ़ाई बंद करनी पड़ी है. कक्ष कम रहने से एक साथ दो-तीन कक्षाओं की छात्राओं एक साथ बैठना पड़ रहा है, लेकिन स्थानीय लोग अपनी हरकत से बाज नहीं आ रहे हैं. मध्य विद्यालय प्रधानाचार्य ने बताया कि स्थानीय लोगों से दर्जनों बार प्रार्थना की गयी कि कचरे को विद्यालय परिसर में नहीं फेंके, लेकिन इसके बावजूद भी इसमें किसी प्रकार की कमी नहीं आयी. कचरे का अंबार लगने से खिड़कियों के पल्ले सड़ गये, जहां दीवार देकर खिड़कियों को बंद करना मजबूरी बन गयी.

मुख्य गेट पर यूरिनल बनी परेशानी की सबब

रूपवती कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय एवं मध्य विद्यालय प्रवेश के लिए मुख्य सड़क से ही एक मात्र मुख्य दरवाजा है. इस दरवाजे के निकट बाजार वासियों के लिए यूरिनल की व्यवस्था नगर निगम द्वारा की गयी है, जिसमें किसी तरह का दरवाजा नहीं है. सिर्फ तीन भाग दीवार से घेरकर नगर निगम द्वारा यूरिनल लगाया गया है. जहां सुबह से लेकर देर रात्रि तक बाजार वासी यूरिनल के लिए कतार में लगे रहते हैं. इस बीच छात्राओं का विद्यालय प्रवेश एवं विद्यालय से निकासी भी उस रास्ते ही होता है, जिससे छात्राओं को शर्म महसूस होती है एवं तेजी से निकलने का प्रयास करती है. इस दौरान दुर्घटना होने की भी संभावना रहती है. मुख्य सड़क के किनारे विद्यालय स्थित है एवं इस मुख्य मार्ग से देर रात्रि तक छोटे बड़े वाहनों का गुजरना जारी रहता है. नगर निगम को चाहिए कि छात्राओं के विद्यालय के आगे से पुरुष यूरिनल को हटाकर कहीं अन्यत्र ले जाया जाये, जिससे बाजार वासियों को भी कठिनाई ना हो एवं छात्राओं को भी जिल्लत झेलने से मुक्ति मिल सके.

विद्यालय प्रवेश द्वार पर होती है कचरा डंपिंग

विद्यालय के मुख्य दरवाजे के पश्चिम की ओर कचरा डंपिंग किया जाता है. सुबह से लेकर देर शाम तक इस क्षेत्र का कचरा विद्यालय के मुख्य दरवाजे के आगे जमा किया जाता है. जो शायद देर संध्या उठा लिया जाता है, जबकि विद्यालय के संचालन के समय में कचरे की डंपिंग से उठने वाली बदबू से कक्षा संचालन तक में कठिनाई होती है. इसके साथ ही कचरे पर आवारा पशु मंडराते रहते हैं, जिससे छात्राओं को खतरा महसूस होता है. आवारा गाय, सूअर, कुत्ता, बकरी हमेशा उस कचरे पर मंडराते रहते हैं. कभी-कभी ये जानवर आपस में लड़ते भी हैं, जिससे राहगीरों में भागदौड़ की नौबत भी आती है. इस बीच विद्यालय से छात्राओं का आना जाना भी होता है. ऐसे में आवारा पशुओं से छात्राओं को खतरा है. इस कचरा डंपिंग को यहां से हटाने की जरूरत है, जिससे भय का माहौल एवं उठने वाली बदबू से छात्राओं को परेशानी ना हो.

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