डीएम को आवेदन देकर शहर से बाहर ही किया बसाने का आग्रह सहरसा. नगर निगम क्षेत्र के गंगजला बस स्टैंड के पीछे बसे सैकडों महादलित परिवार ने शहर से बाहर बासडीह की जमीन के लिए शनिवार को समाहरणालय पहुंचकर जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया. महादलितों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर कहा कि उनलोगों का परिवार दशकों से बस स्टैंड के पीछे जीवन बसर कर रहा है. लेकिन आज तक सरकार द्वारा बसाने की कोई व्यवस्था नहीं हुई. एकतरफ गांव- गांव में गरीबों को बास योग्य जमीन व पक्का मकान दिया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर नगर के सभी कार्यालयों, सड़कों व मुहल्लों की सफाई करनेवाले नगर निगम के महादलितों की कोई सुधि नहीं ले रहा है. बारंबार रेलवे द्वारा उनलोगों को उजाड़े जाने के लिए नोटिस दिया जाता है. जिससे परिवार में हमेशा बेचैनी रहती है व सभी काफी परेशान रहते हैं. समाजसेवी रोशन खातून के नेतृत्व में समाहरणालय पहुंची महादलित महिलाओं ने कहा कि इस समस्या को लेकर लोक शिकायत में भी परिवाद दायर किया. लेकिन इसपर कोई साकारात्मक पहल नहीं किया गया है. जिससे उन लोगों को आवास तक की सुविधा नहीं मिल रही है. नगर निगम क्षेत्र में जमीन की मांग भी नहीं है. शहर से बाहर ही स्थायी जमीन मुहैया कराया जाय. जिससे परिवार चैन की जिंदगी जी सके. समाहरणालय पहुंची कंचन देवी, खुशबू देवी, सुनीता देवी, अंशु देवी, छाया देवी, आरती देवी, मधु देवी, निशु देवी, रूबी देवी, पूजा देवी, बेबी देवी सहित दर्जनों महिलाओं ने जिलाधिकारी को दिये आवेदन के माध्यम से कहा कि शहरी क्षेत्र में बासडीह की जमीन देने में कोई परेशानी है. तो उन्हें ग्रामीण क्षेत्र में ही प्रावधान के अनुसार हर महादलित परिवार को पांच- पांच डिसमील जमीन उपलब्ध करा दें. जिससे उनलोगों को जीवन बसर के लिए आवास योजना का भी लाभ मिल सके.
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