मेडिकल कॉलेज की जमीन में भी हो रहा है अवैध खनन वर्षो से सक्रिय है बालू माफिया, नहीं होती है कार्रवाई सत्तरकटैया . जिला मुख्यालय से महज सात किलोमीटर व प्रखंड मुख्यालय से चार किलोमीटर की दूरी पर मेनहा गांव अवस्थित है. जहां हाल ही में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अन्य पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय 2 उच्च विद्यालय का उद्घाटन किया था. यह विद्यालय 754 खाता के विभिन्न खेसरों की जिस जमीन में बना है, वह करीब 65 एकड़ गैर मजारुआ खास जमीन है. जिस पर वर्षो से आम लोगों का कब्जा था. विभाग ने सभी कब्जा धारियों की जमाबंदी को रद्द कर सरकारी संपति घोषित कर दी है. इस विद्यालय के समीप मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के लिए 21.27 एकड़ जमीन को चिह्नित किया गया है. इसके अलावे भी मेनहा से विशनपुर तक अरनी चौर (झील)व खोनहा से विशनपुर तक तिलावे नदी के सैकड़ों एकड़ जमीन पर वर्षो से बालू माफिया का कब्जा है. ये बालू माफिया अवैध रूप से बालू खनन व मिट्टी कटाई कर सैकड़ों एकड़ सरकारी व निजी जमीन को खंडहर बना दिया है. स्थानीय लोगों ने बताया कि ऐसे बालू माफिया की मिलीभगत व सांठ-गांठ लोकल थाना, अंचल व माइनिंग विभाग से रहता है. जिस जमीन में छात्रावास बना है, उसके आसपास भी खंडहर बना हुआ है. जिसके कारण सरकारी निर्माण कार्य कराने में संवेदक को परेशानी होती है और सरकार को अधिक राशि खर्च करना पड़ता है. इस इलाके में अवैध खनन करने वाले सभी माफियाओं को चिह्नित कर कार्रवाई करने की आवश्यकता है. मेडिकल कॉलेज की जमीन में भी हो रहा है मिट्टी व पेड़ की कटाई सत्तर पंचायत के मेनहा गांव में मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के लिए चिह्नित सरकारी जमीन में भी आये दिन अंधाधुंध मिट्टी व पेड़ की कटाई की जा रही है. दरअसल अंचल सत्तर कटैया,थाना नंबर 173, मौजा सत्तर स्थित मेनहा गांव में खाता 754 के विभिन्न खेसरों को मिलाकर कुल 65 एकड़ सरकारी गैर मजारुआ खास व सीलिंग की जमीन उपलब्ध है. जिस पर वर्षो से कुछ लोगों ने अवैध कब्जा जमा रखा था और जमीन की खरीद बिक्री भी की गयी. इस जमीन में कुछ लोग पेड़ भी लगा रखा है और कुछ घर भी बना लिया है. अधिकांश भू खंड खाली पड़ा हुआ है. जिला प्रशासन ने जांच पड़ताल के बाद इस जमीन को सरकारी संपति घोषित कर दी और रैयतों की जमाबंदी को रद्द कर दिया. इस जमीन के कुछ हिस्से पर 2 अन्य पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय विद्यालय का निर्माण कराया गया है और 21.27 एकड़ भूमि राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल सहरसा के लिए चिह्नित किया गया है. मेडिकल कॉलेज के लिए चिह्नित भूमि में कुछ खाली है और कुछ में विभिन्न तरह के पेड़ पौधे लगा हुआ है. इस जमीन पर अवैध कब्जा जमाए हुए लोगों ने चोरी छिपे पेड़ को बेचना व काटना शुरू कर दिया है. वहीं कुछ बालू माफिया ने बगीचा से पश्चिम अवैध खनन कर बालू व मिट्टी बेचना शुरू कर दिया है. इस बालू माफिया से विभाग के अधिकारी व थाना पुलिस की सांठ गांठ रहती है. वैसे तो इस जमीन पर वर्षो से अवैध खनन हो रहा है. जिसके कारण कई एकड़ का भूखंड गड्ढ़ानुमा बन गयी है. मेडिकल कॉलेज बनने की घोषणा होते ही अंधाधुंध वृक्षों की कटाई शुरू हो गयी है. लेकिन वन विभाग का ध्यान आकृष्ट नहीं हो रहा है. लाखों करोड़ों की संपति को चोरी छिपे औने पौने दाम पर बेचा जा रहा है. वहीं खाली जमीन से मिट्टी काटकर बेचा जा रहा है. इस मामले में पूछने पर सीओ शिखा सिंह ने बताया कि अवैध खनन रोकना माइनिंग विभाग का काम है और पेड़ जो कट रहा है, उसे रोकना वन विभाग का काम है. वहीं खनन विभाग के अधिकारी ने बताया कि इसके लिए लोकल थाना व सीओ को एक्शन लेना चाहिए. मुझे जानकारी मिली है, अपने स्तर से जांच कर कार्रवाई करेंगे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है