पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव की 78वीं जन्म जयंती पर हुई संगोष्ठी सहरसा . सामाजिक न्याय के पुरोधा मंडल मसीहा पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव की 78वीं जन्म जयंती पर मंगलवार को जिला परिषद उपाध्यक्ष धीरेंद्र यादव के आवास पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया. कार्यक्रम राष्ट्रीय जनता दल के जिलाध्यक्ष प्रो मो ताहिर की अध्यक्षता में प्रदेश महासचिव राष्ट्रीय जनता दल धनिक लाल मुखिया के संचालन में किया गया. गोष्ठी को महागठबंधन के नेताओं ने संबोधित करते कहा कि आज शरद यादव होते तो देश के मनुवादी ताकत की सरकार संविधान को छू नहीं पाती. आज केंद्र की मोदी सरकार ने देश में अघोषित इमरजेंसी लागू किया हुआ है. विपक्ष के सभी नेताओं पर ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स को लगाकर डराने का काम कर रही है. आज बिना दलित, अति पिछड़ाओं की महिलाओं को आरक्षण दिए ही महिला आरक्षण बिल को पारित कर दिया गया. सरकार ने षड्यंत्र करके लालू प्रसाद यादव को संसद से बाहर करने का काम किया. शरद यादव व मुलायम सिंह यादव सदन में नहीं हैं. आज वे होते तो पिछड़ा, दलित के आरक्षण के बिना महिला आरक्षण बिल पारित नहीं होता. शरद यादव देश की आम आवाम, दलित शोषित पीड़ित के मुखर आवाज थे. शरद यादव होते तो देश में संविधान व लोकतंत्र पर हो रहे हमले के खिलाफ भाजपा, आरएसएस जैसी सांप्रदायिक फांसीवादी ताकतों के खिलाफ संघर्ष की अगली पंक्ति में खड़े रहते. गोष्ठी में भीआईपी पार्टी के एससी एसटी प्रकोष्ठ प्रदेश अध्यक्ष रेशमा शर्मा, सीपीआईएम जिला मंत्री रणधीर कुमार यादव, सुमन कुमार, राजद के भूपेंद्र यादव, भीम कुमार भारती, माले के कुंदन कुमार यादव, विक्की राम, राजद के छात्र नेता धीरज सम्राट, शाहनवाज आलम, दुलारचंद यादव, जावेद अनवर, मो मोबीन, मनोज यादव, टुनटुन शर्मा, सतीश शाह, राजेश रजक, सोनू पासवान, सुंदर शर्मा, राजू यदुवंशी, आदर्श कुमार, नीतीश कुमार, सुरेंद्र यादव, दीपक यादव, कन्हैया वाल्मीकि, कृष्ण मोहन चौधरी, अरुण मुखिया, रतन पासवान, दिलखुश मुखिया, राजेश राम, नीतीश यादव, मोनू सिंह, प्रकाश कुमार, शिवम झा, मिलन कुमार, आकाश कुमार, चंद कुमार, गोलू झा, नीतीश ब्रह्मचारी, विकास कुमार, प्रशांत कुमार, गोपाल राम, अरमान, फरमान सहित बड़ी संख्या में महागठबंधन के नेता एवं कार्यकर्ता मौजूद थे.
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