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विकसित कृषि संकल्प अभियान देश की खाद्य भविष्य को सुरक्षित रखने का ठोस कदम है : निदेशक

देश की खाद्य भविष्य को सुरक्षित रखने का ठोस कदम है : निदेशक

बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर भागलपुर के निदेशक प्रसार शिक्षा ने तीन पंचायत के अभियान में लिया भाग किसानों को किया जागरूक, दी लाभप्रद जानकारियां सत्तरकटैया . बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर भागलपुर के निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ आर के सोहाने ने सोमवार को जिले के सौरबाजार प्रखंड के तीन पंचायत तीरी, चंदौर पूर्वी एवं चंदौर पश्चिमी में आयोजित विकसित कृषि संकल्प अभियान में भाग लिया. उन्होंने बताया कि कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) नई दिल्ली द्वारा शुरू की गयी यह ऐतिहासिक पहल भारतीय कृषि में बदलाव लाने तथा वैज्ञानिक नवाचार और जमीनी स्तर पर भागीदारी के माध्यम से देश के खाद्य भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक ठोस कदम है. विकसित कृषि संकल्प अभियान अपने आप में एक अनोखी पहल है. उन्होंने कहा कि मानसून दस्तक दे रहा है. खरीफ के मौसम की तैयारी है और ऐसे में आने वाले 15 दिन तक सहरसा के वैज्ञानिकों, एक्सपर्ट्स अधिकारियों की टोलियां बनायी गयी हैं. जिसमें तीन टीमें गांव-गांव जा रही हैं और ये टीमें जिले के 132 पंचायत के किसानों तक पहुंचेंगी. यह कार्यक्रम सहरसा जिले के तीन प्रखंडों के 9 पंचायत तीरी, चंदौर पूर्वी, चंदौर पश्चिमी, तेलवा पूर्वी, तेलवा पश्चिमी, महिषरहो, काठो, घोंघसम, बेलवारा में सोमवार को आयोजित किया गया. उन्होंने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों की प्रमुख खरीफ फसलों के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकियों के बारे में किसानों को शिक्षित करना, लाभकारी सरकारी योजनाओं और नीतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाना, फसल चयन और संतुलित उर्वरक अनुप्रयोग के लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड के उपयोग के बारे में किसानों का मार्गदर्शन करना तथा किसान-नेतृत्व वाले नवाचारों को समझने के लिए फीडबैक एकत्र करना और तदनुसार अनुसंधान दिशाओं को संचालित करना है. साथ ही प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, फार्मर रजिस्ट्री और फसल बीमा योजना के लाभार्थियों के पंजीकरण व सहायता पर विशेष जोर दिया गया. यह अभियान विकसित कृषि के लक्ष्यों को आगे बढ़ाने और विकसित भारत के व्यापक दृष्टिकोण को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा. कृषि विज्ञान केंद्र अगवानपुर की वैज्ञानिक डॉ सुनीता पासवान ने बताया कि जो भूमिहीन किसान हैं, वे मशरूम की खेती कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि न्यूट्री गार्डेन की स्थापना कर वर्ष भर सब्जी एवं फलों को उत्पादित किया जा सकता हैं. कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ पंकज कुमार राय ने कृषकों को नये बाग की स्थापना, आम के फलों की तुड़ाई के बाद प्रबंधन एवं फलों में लगने वाले मुख्य कीट एवं बीमारियों के बारे में विस्तार से बताया. अनुमंडल कृषि पदाधिकारी आनंद चौधरी ने बिहार सरकार द्वारा संचालित विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी. सहायक निदेशक, प्रक्षेत्र डाॅ ऋषि रंजन ने प्राकृतिक खेती के फायदे एवं उसके दुष्प्रभाव के बारे में बताया. सहायक निदेशक बीज विश्लेषण प्रयोगशाला मिथिलेश कुमार ने मिट्टी जांच एवं स्वस्थ सुधार के बारे मे कृषकों को बताया. प्रशिक्षु प्रखंड कृषि पदाधिकारी अशोक पंडित ने खरीफ की फसलों के बेहतर उत्पादन के लिए उन्नत बीजों के उपयोग, बीज शोधन, सहफसली खेती के संरक्षा और सुरक्षा के उपायों के बारे में विस्तार से बताया. फोटो – सहरसा 01 – किसानों को जानकारी देते डॉ आर के सोहाने

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