महिला संवाद कार्यक्रम बन रही सशक्तिकरण की नयी राह सहरसा . पिछले लगातार डेढ़ माह से जारी महिला संवाद कार्यक्रम ने ग्रामीण महिलाओं के जीवन में नयी उम्मीदें जगाई है. जिले भर में आयोजित इन कार्यक्रमों में महिलाएं बड़े उत्साह के साथ भाग ले रही हैं. यह संवाद कार्यक्रम ना केवल जानकारियों का आदान-प्रदान करने का एक जरिया बना है. बल्कि महिलाओं को अपनी आकांक्षाओं को व्यक्त करने का भी सशक्त मंच प्रदान कर रहा है. जिले के 1338 ग्राम संगठनों में अब तक आयोजित इन कार्यक्रमों में तीन लाख 34 हजार से अधिक महिलाओं ने सहभागिता दी है. महिलाओं के बीच इस पहल को लेकर जागरूकता व उत्साह स्पष्ट दिखाई दे रहा है. सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड के बघवा पंचायत के पंचायत भवन में आयोजित कार्यक्रम में अमर जीविका ग्राम संगठन की सदस्या राखी देवी ने अपने अनुभव साझा करते बताया कि जीविका समूह से जुड़ने से पहले उनके घर की आर्थिक स्थिति बेहद खराब थी. लेकिन समूह से ऋण प्राप्त कर उन्होंने अपने जीवन को एक नयी दिशा दी. राखी देवी की कहानी अन्य महिलाओं को भी प्रेरित कर रही है. इन संवाद कार्यक्रमों में महिलाएं अपनी उम्मीदें व सपने व्यक्त कर रही हैं. कुछ महिलाएं सुंदर व स्वच्छ गांव की कल्पना कर रही हैं. जबकि कई महिलाओं का मानना है कि रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध कराए जाने चाहिए. इन कार्यक्रमों के माध्यम से महिलाएं अपने सुझाव व आवश्यकताओं को सामने रख रही हैं. सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड के सीटानाबाद पंचायत के बरेवा टोला गांव में आयोजित महिला संवाद कार्यक्रम में खुशी कुमारी ने अपनी राय रखी. उन्होंने कहा कि जीविका को सहकारी बैंक के रूप में मान्यता मिलने से महिलाओं को आर्थिक सशक्तिकरण में बड़ी मदद मिलेगी. इससे ना केवल उनकी बचत को सुरक्षित स्थान मिलेगा. बल्कि उन्हें जरूरत के समय ऋण लेने में भी आसानी होगी.
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