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Samastipur News:बलान व जमुआरी नदी के कायाकल्प से जिले दक्षिणी क्षेत्र की बदलेगी सूरत

बलान व जमुआरी नदी का कायाल्प होगा. दोनों नदियों में गाद जम जाने के कारण नदियों का अस्तित्व खतरे में पड़ता जा रहा था.

Samastipur News:समस्तीपुर : बलान व जमुआरी नदी का कायाल्प होगा. दोनों नदियों में गाद जम जाने के कारण नदियों का अस्तित्व खतरे में पड़ता जा रहा था. दोनों नदियों की जीर्णोद्धार की मांग क्षेत्र के लोग लंबे समय से कर रहे थे. लोगों के चिरप्रतीक्षित मांग को आज बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूरा कर दिया. 322 करोड़ 10 लाख रुपये की लागत से दोनों नदियों के गाद का उड़ाहीकरण कर नदियों को जीवंत किया जायेगा. इतना ही नहीं नदियों में जल संचयन को लेकर मुसापुर और घाट नवादा में चेकडैम भी बनाया जायेगा. इससे नदियों में जल संरक्षण भी होगा. विदित हो कि दोनों नदियों के कायाकल्प होने से जिले के दक्षिणी क्षेत्र की सूरत बदलेगी. ये दोनों नदियों दक्षिणी हिस्से के कई क्षेत्रों के लिये बहुत महत्वपूर्ण है. बलान नदी की कुल लंबाई 78.70 किलोमीटर है. वहीं जुमआरी नदी की कुल लंबाई 54.06 किलोमीटर है. जुमआरी नदी की शुरुआत ढाेली कॉलेज के पास बूढ़ी गंडक नदी है. यह नदी जिले के पूसा, ताजपुर प्रखंड के विभिन्न गांवों को टच करते हुये दुधपुरा जेल के पास दो भागों में विभक्त हो जाती है.

– जल संरक्षण को लेकर मुसापुर व घाट नवादा में बनेगा चेकडैम

इसका एक भाग सरायरंजन प्रखंड के अंतिम दक्षिणी छोर पर मुसापुर पंचायत में नून नदी में विलय हो जाती है. यहां से यह नदी बलान के नाम से दलसिंहसराय में एनएच-28 को क्रॉस करते हुये बेगूसराय के नौलागढ़ में पुन: बूढ़ी गंडक नदी में विलीन हो जाती है. वहीं इसका दूसरा भाग मोहनपुर औद्योगिक क्षेत्र के पास से गुजरते हुये उजियारपुर प्रखंड के कई पंचायतों से गुजरते हुये विभूतिपुर में बैंती नदी के नाम से बहती है. यह नदी भी बेगूसराय के नौलागढ़ में बूढ़ी गंडक में मिल जाती है. गाद जमा होने से नदी की जल संयचन क्षमता बहुत कम गया है. नदी के लगभग 60 किलोमीटर में दोनों तरफ तटबंध नहीं होने से बरसात के दिनों में दोनों तरफ के इलाकों में बाढ़ आती इससे जान माल को क्षति होती है.विदित को मूसापुर के पास तीनों नदियों का संगम स्थल हैं. इसी जगह आज मुख्यमंत्री ने नदी की जीर्णोंद्धार कार्य की शुरुआत की है. उनके द्वारा 13 जनवरी 2025 को प्रगति यात्रा के दौरान बलान नदी के उड़ाही की घोषणा की गयी थी. इतना ही नदी प्राक्कलन में द्वितीय पथीय सेतु के निर्माण का भी प्रावधान किया गया है. जमुआरी नदी पर विभिन्न स्थलों पर 56 पुल पुलिया हैं. इससे 33 जर्जर हो गये हैं. इसे ध्वस्त कर इसकी जगह नये द्विपथीय पुल का निर्माण भी किया जायेगा. मुसापुर स्थित तीन नदियों का सांस्कृतिक महत्व भी है, इस स्थल पर कई तरह के धार्मिक अनुष्ठान भी होते हैं. बलान समस्तीपुर जिले के सरायरंजन, विद्यापतिनगर, दलसिंहसराय प्रखंड के साथ-साथ बेगूसराय जिले के बछबाड़ा, मंसूरचक, तेघरा, भगवानपुर और वीरपुर के लिये भी उपयोगी है. इसकी उड़ाही होने से इन क्षेत्रों में किसानों को बहुत सिंचाई से लेकर तरह की सुविधा मिलेगी. मछली पालन को भी बढ़ावा मिलेगा. भविष्य में इसे जलमार्ग के रूप में उपयोग में लाया जा सकता है. वहीं नदियों में जल संचयन होने से आसपास के क्षेत्रों में भूमिगत जल का लेयर भी रिचार्ज होगा.

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