Samastipur News:प्रकाश कुमार, समस्तीपुर : खेती में किसानों के सामने सबसे बड़ी समस्या मिट्टी की गुणवत्ता की आती है. कई बार मिट्टी का पीएच मान खराब होने पर फसलें अच्छे से ग्रोथ नहीं कर पाती हैं और किसान का नुकसान हो जाता है. उपज बढ़ाने के लिए विद्यालयों के बच्चे मृदा स्वास्थ्य जांच करेंगे और किसानों को मिट्टी का हाल बतायेंगे. कृषि-किसान कल्याण विभाग और शिक्षा मंत्रालय ने यह संयुक्त पहल की है. इसके लिए जिन स्कूलों का चयन किया गया है, उनमें केन्द्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय और मिडिल व हाईस्कूल शामिल हैं. खेतों से मिट्टी का नमूना इकट्ठा कर बच्चे लैब में इसकी जांच करेंगे. 7वीं से 11वीं के बच्चे जांच कार्य करेंगे. ये बच्चे मिट्टी की जांच कर मृदा स्वास्थ्य कार्ड भी बनायेंगे. इसके आधार पर अपने क्षेत्र में किसानों को उनके खेत की मिट्टी के बारे में बताएंगे और शिक्षित भी करेंगे. 50 नमूने इकट्ठा करने वाले स्कूलों में लघु मृदा परीक्षण लैब बनेगा. लैब के लिए एक-एक लाख रुपए विभाग की ओर से उपलब्ध कराये जायेंगे. बताते चलें कि अपनी मिट्टी का पीएच जानने से आपको यह बेहतर समझ मिलती है कि मिट्टी में मौजूद पोषक तत्व यानी आपके पौधे भोजन के लिए क्या उपयोग करते हैं. मिट्टी की स्थितियों के आधार पर कैसे प्रतिक्रिया करते हैं. पीएच मान ठीक होने से पौधे तीव्र गति से वृद्धि करते हैं और फल-फूल भी अच्छे से देते हैं. इसलिए, पौधों के लिए पीएच मान एक वरदान के समान है. प्रकाश संश्लेषण के तहत धूप, हवा, पानी और मिट्टी से प्राप्त पोषक तत्वों के बीच रासायनिक क्रियाएं करके पौधे अपना भोजन पकाते या निर्मित करते हैं. मिट्टी से पौधों को 16 पोषक तत्वों की सप्लाई होती है. किसी भी फसल का अच्छा विकास और खेती से होने वाले लाभ का दारोमदार इन्हीं पोषक तत्वों पर होता है. शानदार खेतीहर मिट्टी में इन्हीं 16 पोषक तत्वों का एक सन्तुलित अनुपात मौजूद होता है. पौधों का सर्वांगीण विकास और वृद्धि इन्हीं 16 पोषक तत्वों पर निर्भर करती है. इनमें से किसी एक की भी कमी का पैदावार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वों का ब्यौरा जानने के लिए ही मिट्टी की जांच करवायी जाती है. शिक्षा विभाग की पहल छात्रों के लिए काफी उपयोगी है.
कामेश्वर प्रसाद गुप्ता
डीईओ, समस्तीपुरB
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है