Samastipur News:समस्तीपुर : जिलाधिकारी रोशन कुशवाहा की अध्यक्षता में कृषि विभाग की समीक्षात्मक बैठक हुई. समीक्षा के क्रम में पाया गया कि खरीफ 2025-26 के मौसम में सामान्य से 43.86 प्रतिशत कम वर्षापात हुई है. जिसका प्रभाव धान के आच्छादन पर दिख रहा है. जिले में धान का लक्ष्य 78168.00 हेक्टेयर निर्धारित है, जबकि अबतक 43094 हेक्टेयर में ही धान का आच्छादन हो पाया है, जो लक्ष्य का 54 प्रतिशत ही है. धान का आच्छादन ससमय करने के लिए कृषि विभाग द्वारा डीजल पम्पसेट से सिंचाई के लिए डीजल अनुदान का लाभ किसानों के बैंक खाता में अंतरित करने की व्यवस्था की गयी है, जिसमें एक एकड़ सिंचाई के लिए 10 लीटर डीजल खपत अनुमान्यता के अनुसार प्रति सिंचाई अधिकतम 750 रुपये प्रति एकड़ अनुदान अनुमान्य है. धान का बिचड़ा एवं जूट फसल की अधिकतम दो सिंचाई के लिए 1500 रुपये प्रति एकड़ एवं खड़ी फसल में धान, मक्का एवं अन्य खरीफ फसलों के अंतर्गत दलहनी, तेलहनी, मौसमी सब्जी, औषधीय एवं सुगंधित पौधे की अधिकतम तीन सिंचाई के लिए 2250 रुपये प्रति एकड़ एवं प्रति किसान अधिकतम 8 एकड़ सिंचाई के लिए अनुदान मिलेगा.
– प्रति एकड़ एक सिंचाई के लिये मिलेंगे अधिकतम 750 रुपये अनुदान
जिलाधिकारी के द्वारा जिला कृषि पदाधिकारी से डीजल अनुदान के आवेदन की प्रक्रिया के संबंध में पूछे जाने पर बताया गया कि डीजल अनुदान खरीफ 2025 का लाभ लेने के लिये कृषि विभाग द्वारा तैयार क्लेम प्रोसेसिंग साफ़्टवेयर के माध्यम से ऑनलाइन किसानों से आवेदन प्राप्त किया जाना है. खरीफ फसलों में सिंचाई के लिये 30 अक्टूबर 2025 तक डीजल क्रय करने पर यह अनुदान देय होगा. किसानों के द्वारा ऑनलाईन आवेदन भरते समय डीजल क्रय संबंधी डिजिटल व कंप्यूटराईज्ड वाउचर पेट्रोल पम्प के द्वारा किसान के निबंधन संख्या का अंतिम 10 डिजीट का पूरा उल्लेख के साथ संबंधित किसान के द्वारा उसपर अपना हस्ताक्षर एवं पूरा नाम अंकित करके देना है. हस्ताक्षर नहीं कर सकने की स्थिति में संबंधित पंचायत के कृषि समन्वयक द्वारा सत्यापित अंगूठे की निशान के साथ वाउचर को विभागीय पोर्टल पर आवेदन के साथ अपलोड करना है. आवेदन पत्र में किसान द्वारा जिस खेत की सिंचाई के विरूद्ध डीजल अनुदान का दावा किया जायेगा, उस खेत के आसपास खेती करने वाले कम से कम दो किसानों से यह सत्यापन कराना है कि उन्होंने सिंचाई किया है. इस योजना का लाभ सभी प्रकार के किसानों को दिया जायेगा. अनुदान की राशि पंचायत क्षेत्र के किसानों के अतिरिक्त नगर निकाय क्षेत्र के किसानों को भी देय होगा. नाबार्ड फेज आठ में निर्मित राजकीय नलकूप से जो किसान समितियों के द्वारा परिचालित किये जाते हैं उनके द्वारा भी डीजल क्रय कर सिंचाई करने पर अनुदान का लाभ दिया जा सकेगा.
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