समस्तीपुर. भाजपा जिला कार्यालय में गुरुवार को आपातकाल विरोधी संगोष्ठी का आयोजन किया गया. इस अवसर पर वक्ताओं ने देश में वर्ष 1975 के आपातकाल के दौरान हुए अत्याचार और उसके दुष्परिणामों के बारे में चर्चा की. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पूर्व राज्य सभा सांसद राकेश सिन्हा ने कहा कि वर्ष 1975 में 25 जून को कांग्रेस ने सत्ता के स्वार्थ व अहंकार में देश पर आपातकाल थोपकर विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की हत्या कर दी थी. असंख्य सत्याग्रहियों को रातों रात जेल की काल कोठरी में कैद कर दिया. प्रेस मीडिया पर ताले जड़ दिए. नागरिकों के मौलिक अधिकार छीनकर संसद व न्यायालयों को मूकदर्शक बना दिया. विचारों की अभिव्यक्ति पर रोक लगा दी गयी. दरअसल, वर्ष 1971 में जब इंदिरा गांधी ने सरकारी तंत्र का दुरुपयोग किया था, तब जय प्रकाश नारायण ने सरकार के खिलाफ हाइकोर्ट में रिट दाखिल की थी. जिसमें लंबी बहस हुई और 12 जून 1975 को हाइकोर्ट ने इंदिरा गांधी के खिलाफ फैसला सुनाया. इसके भय से इंदिरा गांधी ने 25 जून 1975 को आधी रात में तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली का हस्ताक्षर कराकर आपातकाल लागू किया था. उन्होंने कहा कि आपातकाल सत्ता के लिए जबरन जनता पर थोपा गया काला कानून था. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जो कलंक देश के माथे पर लगाया है, उसे कांग्रेस कभी धो नहीं सकती. आपातकाल के संघर्ष और यातनाओं को सहन करने वालों को देश कभी नहीं भूलेगा. इतिहास के इस काले अध्याय का भाजपा पूरजोर विरोध करती है. इससे पूर्व संगठन के जिलाध्यक्ष सहित अन्य पदधारकों ने स्वंत्रता सेनानियों को अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता भाजपा उत्तरी मंडल के जिलाध्यक्ष नीलम सहनी और दक्षिणी मंडल के शशिधर झा ने की. मौके पर संगठन के प्रदेश मंत्री भीम साहु, स्थानीय विधान पार्षद डा तरुण चौधरी, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष रामसुमरन सिंह, विजय कुमार शर्मा, शशिकांत आनंद, सुनील कुमार गुप्ता, प्रो शील कुमार राय, कृष्ण गोपाल शर्मा, संगम कुमार, रामयाज शांडिल्य, जय कृष्ण झा, कमलेश सहनी, बिमला सिंह, अनामिका देवी, मुकेश कुमार सिंह समेत काफी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे.
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