Samastipur News:मोहिउद्दीननगर : प्रकृति के सभी जीवों की उपयोगिता और उनके कार्य क्षेत्र को निर्धारित करने वाली परंपरा आज भी कायम है. नागपंचमी में सर्प पूजा के पारंपरिक विधान से जीवन चक्र को बनाये रखने का भी वैज्ञानिक आधार मजबूत होता है. यह बातें मंगलवार को मोहिउद्दीननगर बाजार के विषहरी माता के परिसर में आयोजित नाग पंचमी मेले के अवसर पर भगत कृष्ण मुरारी पासवान ने कही. मेला समिति के अध्यक्ष सुरेश महतो ने कहा कि सांप आहार श्रृंखला का अहम कड़ी है. यह न सिर्फ कृषि कार्यों में नुकसानदेह जीवों से किसान को निजात दिलाता है, बल्कि परिस्थितिक संतुलन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. अतएव सापों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए हमें प्रयास करने की आवश्यकता है. इस दौरान गहवर में नाग देवता एवं विषहरी माता की पूजा-अर्चना के लिए दूर-दराज से आये भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ा. श्रद्धालुओं ने दूध एवं धान का लावा चढ़ाया. पूजन के पश्चात घर के सभी सदस्यों ने परंपरा के अनुरूप दही के साथ नीम पत्ता ग्रहण किया. इससे पूर्व मृदंग वादकों के साथ दर्जनों लोग वाया नदी के मोगलतट पहुंचे. जगह-जगह लोगों को सांपों के संरक्षण के प्रति आगाह किया गया. तदुपरांत श्रद्धालु मंदिर की ओर लौट गये. मान्यता है कि महिलाएं नागों की पूजा वंश वृद्धि की कामना के लिए करती है. मौके पर संजीव त्रिवेदी, उमेश प्रसाद साह, भोला त्रिवेदी, रामतीरथ चौधरी, तिलक पासवान, उमा पासवान, प्रवीण पासवान, रामबली पासवान, मिथिलेश पासवान, अनिल सहनी, राकेश पासवान, कन्हैया कुमार, मनीष कुमार, डब्लू कुमार मौजूद थे.
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