Samastipur News:मोरवा : बच्चों की सफलता के लिए जरूरी है कि वह पहले अनुशासित हों. विषय वाइज पाठ्यक्रम पूरी करने में ईमानदारी बरतें. नयी शिक्षा पद्धति पर आधारित पाठ्यक्रम का बार-बार अध्ययन करें. ताकि सफलता प्राप्त करने में बच्चों को दिक्कत न हो. यह बातें कही आवासीय शिवांश विद्यालय की निदेशक गणेश प्रसाद यादव ने. सोमवार को विद्यालय परिसर में आयोजित शिक्षक अभिभावक संगोष्ठी संबोधित करके उन्होंने कहा कि आज समाज के बदलते परिवेश में बच्चों में अनुशासन की कमी देखी जा रही है. यह उसकी पढ़ाई-लिखाई को प्रभावित करता है. मोबाइल और दूसरे डिवाइस से बच्चे अपनी राह से भटक रहे हैं. घरों में अनुशासन की कमी का सीधा प्रभाव बच्चों के पठन-पाठन पर पड़ता है. अनुशासित बच्चे ही पढ़ाई के महत्व को समझ सकते हैं. कड़ी मेहनत से सफलता पाने में अनुशासन का हम योगदान होता है. बच्चों के अभिभावकों भी बच्चों के अनुशासन पर विशेष ध्यान देना चाहिये. ताकि सामाजिक परिवेश में बच्चों की अलग पहचान हो. बच्चों की उचित प्रोत्साहन से ही उसके बौद्धिक और मानसिक रूप से विकास तेजी से होता है. निदेशक ने कहा कि नवोदय और सैनिक स्कूल की तैयारी कर रहा है. बच्चों के लिए अनुशासन का पाठ पहले जरूरी है. क्योंकि इन विद्यालयों में अनुशासन का ही विशेष महत्व है. इस मौके पर अभिभावकों के द्वारा भी कई सुझाव दिये गये. मौके पर अजय कुमार, मनीष कुमार, धर्मेंद्र कुमार आर्य, मनीष पटेल, राजू पटेल, मनजीत रजक, सुनील रजक, दयानंद आर्य, संदीप कुमार, हीरालाल प्रभाकर, रमाशंकर राम मौजूद थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है